मंत्री श्रवण कुमार ने कहा पूर्व राजद नेता हत्या मामले में बिना जांच भेजे जेल

महमूद आलम की रिपोर्ट

बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने पूर्णिया के राजद नेता की हत्या मामले में कहा कि इस मामले में जांच की कोई ज़रूरत ही नहीं है, सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें ख़ुद राजद नेता जान को ख़तरा बता रहे हैं, सच्चाई है तभी तो वो बोला.

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर जहां एक तरफ़ महागठबंधन में आपसी सहमति से सीटों के बंटवारे हो गए और पहले चरण के लिए उम्मीदवारों का नाम भी घोषित हो चुका है, ऐसे में राजद के अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ के पूर्व सचिव शक्ति मलिक की रविवार सुबह नकाबपोश अपराधियों के दुवारा घर में घुस गोलियों भूनकर निर्मम हत्या कर दी थी.

इससे राजद के लिए ठीक चुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ा दी है, साथ ही सत्ता पक्ष इसे मुद्दा राजनीतिक मुद्दा बना फ़िर सत्ता हांसिल करने की फ़िराक़ में जुट चुकी है. वहीं, मृतक शक्ति की पत्नी खुशबू देवी ने इस मामले में रविवार शाम तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और अनिल कुमार साधु समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. आरोप प्रत्यारोपों का भी दौर शुरू हो गया है.

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इसी क्रम में बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने इस घटना पर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है और हमने देखा भी है. जिसकी हत्या हुई है उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है हम से पैसा मांगा गया मेरे लिए अपमानित शब्दों का प्रयोग किया गया. जिनकी हत्या हुई है उनके द्वारा दिखाए गए प्रमाण अगर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है तो इसमें है ना तो कोई गवाही की ज़रूरत है और ना ही किसी जांच की है. सीधे इस घटना को लेकर कार्रवाई करने की ज़रूरत है.

मृतक उनके पार्टी का प्रदेश महासचिव और उनकी पार्टी का वह सदस्य भी है. जिस पार्टी का वह सदस्य है और वही अपने पार्टी के नेताओं के ऊपर आरोप लगा रहे हैं तो उसमें कहीं ना कहीं सत्यता है उसमें निष्पक्षता भी है और जो आरोप लगे हैं तो उसमें जांच भी ज़रूरी नहीं है…

By Editor