बिहार में भ्रष्टाचार की गंगा : अधिकारी के घर मिला भर बोरा नोट
नीतीश सरकार भले ही भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करे, लेकिन अधिकारी माल बनाने में रिकॉर्ड बना रहे हैं। अब एक अधिकारी के घर में मिला भर बोरा नोट।
डबल इंजन की सरकार में बिहार की जनता भले ही गरीब हो, लेकिन अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। जनता की जेब भले खाली हो, पर अधिकारी बोरा में नोट भर रहे हैं। आज हाजीपुर के श्रम अधिकारी के घर, फ्लैट, दफ्तर में छापेमारी हुई, तो नोट से भरा बोरा मिला।
हाजीपुर के श्रम अधिकारी दीपक कुमार के पटना, हाजीपुर और मोतिहारी के कई ठिकानों पर आज छापेमारी हुई। पटना के दीघा की महावीर कॉलनी स्थित उसके घर में छापेमारी में बोरे में ठूंस-ठूंस कर भरा नोट मिले। नोट इतने ज्यादा थे कि हाथ से गिनना मुश्किल था। इसके बाद अधिकारियों ने नोट गिननेवाली मशीन मंगाई। नोटों की गिनती जारी है। खबर लिखे जाने तक बोरे से डेढ़ करोड़ रुपए मिल चुके हैं।
इतने नोट मिलने पर विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। दरअसल निगरानी विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि श्रम अधिकारी दीपक कुमार ने विभिन्न जिलों में अधिकारी रहते हुए जमकर माल बनाया है। दीपक हाजीपुर से पहले कैमूर में पदास्थापित थे। वहां भी उन्होंने मजिस्ट्रेट के रुप में चेकपोस्ट पर खूब उगाही की।
पहले लोग समझते थे कि शराबबंदी में ही अधिकारी कमा रहे हैं। दो दिन पहले मोतिहारी में एक अधिकारी के घर नोट गिनने की मशीन मिली थी। यह देश में पहला मौका है, जब किसी अधिकारी ने अवैध कमाई की गिनती के लिए मशीन घर में रखी हो। यह मशीन मोतिहारी में अविनाश प्रसाद के यहां मिला था, जिन पर अवैध ढंग से लाई जा रही शराब को बंद करने की जिम्मेदारी थी। जिसे शराबबंदी करनी थी, वही शराब मंगाने के धंधे में लिप्त था। शराब के अलावा बालू के धंधे में कई अधिकारी नप चुके हैं।
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