बिहार में अतिपिछड़े हटे, तो ढह जाएगा भाजपा का महल
बिहार में निकाय चुनाव पर रोक के बाद जदयू और भाजपा में घमासान छिड़ गया है। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने सीधा कहा-भाजपा आरक्षण विरोधी है।
पटना हाईकोर्ट ने बिहार में शहरी निकाय चुनाव पर रोक लगा दी है। उसके बाद जदयू और भाजपा में घमासान छिड़ गया है। भाजपा का कहना है कि नीतीश सरकार ने अतिपिछड़ों को आरक्षण देने से पहले कमीशन का गठन नहीं किया। कोर्ट द्वारा रोक लगाने के जिम्मेदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सीधा कहा कि भाजपा आरक्षण विरोधी है। वह कमीशन के नाम पर अतिपिछड़ों के आरक्षण को लटकाना चाहती है।
इस घमासान में भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। नीतीश कुमार को अतिपिछड़ा विरोधी बताना किसी के गले नहीं उतरेगा। भाजपा सवर्णों की पार्टी मानी जाती है। उसका रुतबा तभी बढ़ा, जब उसके साथ नीतीश कुमार के कारण अतिपिछड़े जुड़े। उसकी नींव में अतिपिछड़े ही हैं। अगर अतिपिछड़े रूपी ईंट खिसके, तो भाजपा का महल ढहते देर नहीं लगेगी। जदयू ने हर जिले में आरक्षण विरोधी भाजपा का पोल खोल कार्यक्रम करने की घोषणा कर दी है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को दशहरा के बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भाजपा पर जम कर निशाना साधा। कहा बिहार में पहली बार नगर निकाय चुनाव नहीं हो रहा है। पिछली बार भी अतिपिछड़ों को आरक्षण मिला था, तब उपमुख्यमंत्री भाजपा के सुशील मोदी ही थे। उस समय सब ठीक था, आज गलत कैसे हो गया।
ललन सिंह ने कहा- 2007 में जब नगर निकाय में आरक्षण का कानून बना जिस पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगी उस समय के उपमुख्यमंत्री श्री @SushilModi जी नगर विकास के मंत्री भी थे। तब से अबतक उसी कानून के अंतर्गत चुनाव हो रहे हैं और अब सुशील मोदी जी उसी पर सवाल उठा रहे हैं?@SushilModi जी महाराष्ट्र के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से इसको जोड़ रहे हैं और आयोग बनाने की बात कर रहे हैं, जिसका कोई औचित्य नहीं है। बीजेपी आरक्षण विरोधी है और आयोग बनवाकर आरक्षण के मामले को उलझाना चाहती है।
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