बिहार में सीटों का बंटवारा हो गया, जानिए कितने पर कौन लड़ेगा
बिहार में सीटों का बंटवारा हो गया, जानिए कितने पर कौन लड़ेगा। इंडिया गठबंधन में सबसे पहले बिहार में हुआ सीटों का बंटवारा। जल्द होगा औपचारिक एलान।
2019 लोकसभा चुनाव में जदयू 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 16 सीटों पर उसे जीते मिली थी। तब उसका भाजपा के साथ तालमेल था। इस बार जदयू इंडिया गठबंधन में है। वहीं पिछली बार राजद के 20 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें किसी को जीत नहीं मिली। तब राजद, कांग्रेस तथा अन्य दलों का गठबंधन था। कांग्रेस के 9 प्रत्य़ाशी, जिनमें किशनगंज की सीट जीतने में वह कामयाब रहा। माले एक सीट पर चुनाव लड़ा था। रालोसपा, हम, वीआईपी के प्रत्य़ाशियों को भी हार का मुंह देखना पड़ा था।
इस बार इंडिया गठबंधन में जदयू के आने से राजद की सीटें कम होंगी। अभी-अभी जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है। राजद 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जबकि जदयू 16 सीटों पर प्रत्याशी देगा। बची सात सीटों में कांग्रेस के खाते में छह सीटें गई हैं। एक सीट माले को मिला है। साथ ही राज्यसभा की एक सीट भी उसे दी गई है। चर्चा है कि राजद चाहता है कि माले के महासचिल दीपंकर भट्टाचार्य राज्यसभा में जाएं।
मालूम हो कि जदयू के 16 लोकसभा सदस्य है। ये सीटें हैं भागलपुर, वाल्मीकिनगर, जहानाबाद, सुपौल, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, कटिहार, बांका, नालंदा, काराकाट, झंझारपुर, गया, पूर्णिया और सीतामढ़ी। इनमें सीतामढ़ी में जदयू के उम्मीदवार के बदले जाने की चर्चा है। वहां के सांसद ने भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। माले पिछली बार आरा से चुनाव लड़ा था, पर उसे हार मिली थी। कांग्रेस की महत्वपूर्ण सीटों में औरंगाबाद, सासाराम, किशनगंज और समस्तीपुर हैं। बेगूसराय भी कांग्रेस के पाले में जा सकता है। एक समय मधुबनी में कांग्रेस का अच्छा आधार था, पर इस बार यहां से राजद के ही मैदान में उतरने की संभावना है।
इंडिया गंठबंधन का संयोजक पद अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। आज भी इस पद के सबसे बड़े दावेदार नीतीश कुमार हैं। राजद उन्हें समर्थन दे चुका है। कांग्रेस भी तैयार है। अखिलेश यादव ने भी समर्थन दिया है। मीडिया की खबरों के अनुसार ममता बनर्जी की सहमति नहीं मिली है।
तेजस्वी पर खूब बोले सुशील मोदी, शंकराचार्य पर घिग्घी बंधी