जब चुनावों में करोड़ों रुपए बहाए जा रहे हैं, सांसद और विधायक बिकने को तैयार हैं, उस दौर में बिहार के एक सांसद ने सादगी और ईमानदारी की मिसाल पेश की है। बिहार के सांसद ने रेलवे से गिफ्ट में मिले सोने-चांदी के सिक्के लौटा दिए। सिक्के लौटाते हुए उन्होंने जो आपत्ति दर्ज की है और सवाल उठाए हैं, वह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।
बिहार के आरा के सांसद हैं सुदामा प्रसाद। अतिपिछड़ी जाति से आते हैं। भाकपा माले के सांसद हैं। पिछले 31 अक्टूबर से सात नवंबर तक लोकसभा सदस्यों की टीम का स्टडी टूर था। इस दौरान रेलवे ने सभी सांसदों का भव्य स्वागत किया, उन्हें फाइव स्टार होटलों में ठहराया गया। यात्रा के अंत में रेलवे की तरफ से सांसदों को सोने तथा चांदी के सिक्के दिए गए।
सुदामा प्रसाद ने टूर के बाद रेलवे के महंगे गिफ्ट लौटा दिए और स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन सीएस रमेश को पत्र भी लिखा। पत्र में उन्होंने कहा कि सांसदों को शॉल. पेंटिग्स या प्रतीक चिह्न दिए जाते, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन सोने-चांदी के सिक्के दिया जाना घोर आपत्तिजनक है। यह एक तरह से घूस है कि आप संसद में रेलवे की आलोचना में सवाल न करें। उन्होंने कहा कि ये सिक्के उन यात्रियों के पैसे से खरीदे गए, जो रेलवे में भयानक पीड़ा और अपमान सह कर यात्रा करते हैं। इसीलिए वे ये सिक्के नहीं ले सकते।
माले सांसद सुदामा प्रसाद ने चेयरमैन को यह भी लिखा कि सांसदों को फाइव स्टार होटलों में ठहराने की भी कोई जरूरत नहीं है। सामान्य होटलों तथा रेलवे के अतिथि गृहों में भी सांसदों को ठहराया जा सकता है।
सुदामा प्रसाद ने लिखा कि सामान्य यात्रियों की सुविधा के लिए जेनरल डिब्बों वाले ट्रेन चलाने के बदले सरकार केवल वंदे भारत ट्रेनों का उद्घाटन कर रही है। करोड़ों आम भारतीयों की जरूरत की अनदेखी की जा रही है। कहा कि वे लोकसभा में आम यात्रियों के हित में सवाल उठाते रहेंगे।