राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर बिहार के मख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के जवाहर लाल नेहरू मार्ग (बेली रोड) स्थित नवनिर्मित बिहार संग्रहालय की इतिहास दीर्घाओं का लोकार्पण करेंगे. इस दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि भी उपस्थित रहेंगे. इस समारोह में कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है.
नौकरशाही डेस्क
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय ‘ बिहार संग्रहालय’ का उद्घाटन अगस्त 2015 में नीतीश कुमार ने ही किया था. साढ़े 13 एकड़ में बने बिहार संग्रहालय का निर्माण कार्य अप्रैल, 2013 में शुरू हुआ था. इसका निर्माण कनाडा के कंसल्टेंट लॉर्ड कल्चरल रिसोर्सेज व जापान के आर्किटेक्ट मॉकी एंड एसोसिएट की देखरेख में एलएंडटी ने किया है.
बिहार संग्रहालय का दृष्टिकोण प्राचीन इतिहास तथा अब बिहार के नाम से ज्ञात भूमि की विरासत को दिखाने वाली विश्वस्तरीय प्रदर्शन-मंजूषा बनना है. यह बिहार निवासियों तथा घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए समान रूप से एक गंतव्य स्थल होगा. नये संग्रहालय का दृष्टिकोण इस प्राचीन काल का यशोगान करना एवं आज के आधुनिक बिहारवासियों में गर्व का अहसास भरना है.
बिहार संग्रहालय मानव इतिहास पर केन्द्रित है. बिहार संग्रहालय की स्थायी संग्रह दीर्घा के दो बुनियादी घटक हैं – इतिहास दीर्घा तथा कला दीर्घा. यहां पूर्वावलकोन दीर्घा तथा विशेष प्रदर्शन दीर्घा भी हैं. मौजूदा पटना संग्रहालय से लाये गए संग्रहों के ज़रिये बिहार संग्रहालय प्राचीन काल की कलात्मक विरासत को प्रस्तुत करता है, जो विषयवस्तु के दृष्टिकोण से कला-कार्य हैं. जनजातीय कला, शिल्प कला और बिहार के विभिन्न क्षेत्रों की प्रदर्शन कला के लिए कुछ निर्धारित क्षेत्र हैं.
संग्रहालय की कल्पना करते हुए ख़ासकर बिहार के निवासियों की ज़रूरत, राज्य के लोगों के जुड़े होने के अहसास का सृजन तथा बच्चों और युवाओं के सीखने तथा उनकी प्रगति के लिए एक प्रेरक माहौल के निर्माण का ध्यान रखा गया है. यह दुनियाभर से लोगों को आकर्षित करता है. यह एक रोमांचकारी पर्यटनस्थल तथा सांस्कृतिक केन्द्र है. बिहार संग्रहालय में सूचीकरण तथा डिजीटलीकरण चल रही वह गतविधियां हैं,जो संग्रहों के उचित उपयोग,रिकॉर्ड्स तथा संरक्षण को सक्षम बनायेगी,अधिकृत कर्मचारियों की इनतक पहुंच होगी.