समर्थकों के साथ एजाज अली

मुस्लिम राजनीति में यह एक नये आंदोलन की दस्तक है. जिसमें युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने देश को नंगामुक्त और दंगामुक्त बनाने का एक फार्मुला गढ़ा है. पटना में मोर्चे के अध्यक्ष डा. एम एजाज अली ने दंगामुक्त- नंगामुक्त सम्मेलन में कहा है कि जब तक दलितों और आदावासियों की तरह अल्पसंख्यकों को  अत्याचार निवारण अधिनियम का हिस्सा नहीं बनाया जाता तब तक देश न तो नंगामुक्त होगा और न ही दंगामुक्त होगा.

समर्थकों के साथ एजाज अली

पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में खचाखच भरी भीड़ के सामने उन्होंने घोषणा की कि देश को समृद्ध बनाने और गृहयुद्ध की तरफ बढ़ते देश को बचाने के लिए अब यही एक विकल्प बचा है. पूर्व राज्यसभा सांसद एजाज अली ने कहा कि पिछले सत्तर साल में जितने दंगे हुए हैं उसने अल्पसंख्यकों की अर्थव्यस्था को चौपट कर के रख दिया है जिसके नतीजे में देश भर के करोड़ों अल्पसंख्यक भूखे नंगे जीवन यापन पर मजबूर हैं. डा. एजाज ने कहा कि गांधीजी ने अंग्रेजों से आजादी हासिल करने के लिए करोड़ों भारतीयों को इस शर्त पर तैयार किया था कि आजादी मिलने के बाद भुखमरी, गरीबी, बेबसी दूर होगी. गांव गांव में सड़क, पानी बिजली की सुविधा आयेगी. लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए अच्छी मेडिकल सेवायें होंगी. भारत के लोग गांधी जी के इन कथनों पर विश्वास करके एकजुट हो गये और अंग्रेजों को देश से खदेड़ दिया. लेकिन उसके बाद देश की शासन व्यवस्था जिन हाथों में गयी वे भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता और समाजों को धर्म के नाम पर सत्ता पाने में लग गये और गांधी जी का सपना अधूरा रह गया.

 

 

एजाज ने कहा कि हमारे राजनेता अगर गरीबी, बेबसी और शिक्षा के लिए संघर्ष करते तो आज देश की हालत इतनी बुरी नहीं होती. उन्होंने कहा  सेक्युलरिज्म के नाम पर राजनीति करने वालों ने अल्पसंख्यकों को हिंदू समाज से डराया और वोट ले कर राज किया. जिसका नतीजा यह हुआ कि हिंदू समाज एकजुट हो कर कथित सेक्युलरवादियों को 2014 में सत्ता से बेदखल कर दिया. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर धोखे की राजनीति की गयी और इसका सबसे बड़ा भुग्तभोगी अल्पसंख्यक समुदाय बना. उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि देश में आज विकराल समस्यायें खड़ी हो गयी हैं. और धीरे धीरे हालात गृहयुद्ध की तरफ जा रहे हैं.

गृहयुद्ध की तरफ जा रहा है देश

 

एजाज अली ने कहा कि हम तमाम भारतीयों की जिम्मेदारी है कि देश को गृहयुद्ध की तरफ धकेलने वाली शक्तियों पर लगाम लगाया जाये. उन्होंने कहा कि यह तब संभव है जब  एससी एसटी की तरह अल्पसंख्यकों को भी अत्याचार निवारण अधिनियम का सेफगार्ड मिले. जब उन्हें कानूनी तौर पर सुरक्षा का कवच मिलेगा तो दंगाई शक्तियां उनके खिलाफ जुल्म करने से पहले कई बार सोंचेंगी. उन्होंने कहा कि जब देश में दंगे बंद होंगे तो भुखमरी और नंगा पन से भी निजात मिलेगी.

दंगामुक्त नंगामुक्त समाज के निर्माण के लिए उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे नेताओं को यह सोचना होगा कि देश की समृद्धि के लिए जरूरी है कि अल्पसंख्यकों को इस अधिनियम में शामिल किया जाये.

इस समारोह में युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के प्रवक्ता कमाल अशरफ समेत मोर्चा की टीम ने पिछले दो महीने से राज्य भर का दौरा किया और लोगों में इस आंदोलन के प्रति जागरूकता फैलाई. इस अवसर पर लेखक एचएल दुसाध और सामाजिक कार्यकर्ता अरूण कुमार कुशवाहा ने संबोधित करते हुए इस आंदोलन को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया.

 

By Editor


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