देश की रक्षा में आतंकियों से लड़ते हुए बिहार के सीआरपीएफ जवान मुजाहिद खान कश्मीर के करननगर में शहीद हो गये हैं. मुजाहिद ने अपने नाम के मतलब को चरितार्थ करते हुए शहादत दी. मुजाहिद का अर्थ ही होता है ‘पवित्र जिहाद’ करने वाला.
उन्होंने सोमवार की सुबह आतंकी हमले का करारा जवाब दिया. इस दौरान आतंकियों की गोली उन्हें लगी और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. उनकी शहादत पर जहां बिहार व पूरे भारत के लोग दुखी हैं वहीं जहानाबाद के पीरो में रहने वाले उनके पिता ने अपने बेटे के खोने पर दुख तो जताया है साथ ही इस बात पर गर्व व्यक्त किया है कि बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी.
मुजाहिद खान के पिता अब्दुल खैर ने प्रभात खबर से कहा कि कब तक हमारे लाल सरहद पर मारे जायेंगे. इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाना होगा. मेरे बेटे की सच्ची शहादत तब होगी जब भारत आतंकियों को इस देश से खदेड़ कर बाहर निकाल देगा या उन्हें नेस्तनाबूद कर देगा.
सोमवार की सुबह आतंकियों ने जब हमला किया, तो संतरी ने जवाबी कार्रवाई की. मोजाहिद ने भी मोर्चा संभाल लिया. आतंकी एक घर का सहारा लेकर गोलीबारी करने लगे. आमने-सामने की गोलीबारी में में मुजाहिद शहीद हो गये. मुजाहिद ने अपने नाम जैसा ही सुबूत दिया. मुजाहिद का अर्थ ही होता है पवित्र जिहाद करने वाला.
शहादत की खबर सुनते ही मुजाहिद की मां हसीबा बेहोश होकर गिर पड़ीं. मोजाहिद के पिता से मौत की खबर छिपा ली गयी थी. उन्हें बताया गया कि वह अस्पताल में भर्ती हैं. जैसे ही मौत की सूचना घर वालों तक पहुंची खबर आग की तरह फैल गयी. लोगों की भीड़ घर पर जुटने लगी. उधर इस खबर को सुनते ही मुजाहिद की भाभी का रो रो कर बुरा हाल था.
मुजाहिद पिछले दिनों मुहर्रम की छुट्टी पर घर आये थे और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिले थे. दो दिन पहले ही मुजाहिद ने अपनी मां को फोन किया था और कश्मीर के हालात के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि जहां उनकी पोस्टिंग है वहां लगातार गोलीबारी होती है.
मुजाहिद ने देश की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी है. उनकी शहादत पर देश को गर्व है.