राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने प्रेस बयान में कहा कि जिस विशेष पैकेज को लेकर जदयू और भाजपा सहित एनडीए के तमाम नेता बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, उसकी असलियत आखिर सामने आ ही गई। राजद प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विशेष सहायता के रूप में मात्र 5532 करोड़ रुपए की योजनाओं को स्वीकृत किया गया है। इसे भी एकमुश्त न देकर किस्तों में दिया जाएगा। अभी पहली किस्त के रूप में 3651 करोड़ ही दिया गया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि सड़क और ग्रामीण सड़क के लिए डेढ़-डेढ़ हजार करोड़ मंजूर किए गए हैं जिसमें प्रथम किस्त के रूप में 990 हजार करोड़ रुपए सड़क और 990 हजार करोड़ ग्रामीण सड़क के लिए दिए गए हैं। शिक्षा विभाग के लिए स्वीकृत 500 करोड़ रुपए में प्रथम किस्त के रूप में 330 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य विभाग के लिए स्वीकृत 700 करोड़ रुपए में 462 करोड़, उर्जा विभाग के लिए स्वीकृत 700 करोड़ में 462 करोड़, जल संसाधन विभाग के लिए स्वीकृत 332 करोड़ में 219.12 करोड़ और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के लिए स्वीकृत 300 करोड़ रुपए में 198 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
गगन ने कहा कि यही विडम्बना है कि विशेष सहायता के रूप में स्वीकृत मात्र 5532 करोड़ रुपए के कर्ज को लेकर भाजपा और जदयू सहित एनडीए घटक के नेता बहुत बड़ी उपलब्धि का डंका बजा रहे हैं और केन्द्र की एनडीए सरकार की वाहवाही कर रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा सत्ता के मोह में बिहार की हकमारी पर बिहार के एनडीए नेताओं की जुबान नहीं खुल रही है। राज्यों में खेलों के विकास के लिए शुरू किए गए ‘खेलो इंडिया’ स्कीम में जहां गुजरात को 426.13 करोड़ रुपए और उत्तर प्रदेश को 438.27 करोड़ रुपए दिए गए वहीं बिहार को मात्र 20.34 करोड़ रुपए देकर औपचारिकता पूरी कर ली गई है।
—————
मुस्लिमों में भयंकर नाराजगी, क्या ललन के खिलाफ एक्शन लेंगे नीतीश
दरअसल हकीकत तो यह है कि बिहार को अपना वाजिब हक भी नहीं मिल रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में शिक्षा विभाग का 499.23 करोड़ रुपया केन्द्र के यहां बाकी है और चार-चार बार पत्र लिखने बावजूद वह राशि राज्य को नहीं भेजी जा रही है। मनरेगा सहित केन्द्र प्रायोजित कई योजनाओं के माध्यम से बिहार को मिलने वाली राशि में कटौती कर दी गई है साथ हीं केन्द्रांश की राशि वर्षों से लम्बित है पर बिहार के एनडीए नेताओं के बीच केन्द्र सरकार की जयकारे का कम्पिटीशन चल रहा है।