पंचायत चुनाव लड़ने से पहले जान लें, 320 पंचायतें होंगी खत्म
बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Gram Panchayat Election 2021) लड़ने की तैयारी लाखों प्रत्याशी कर रहे हैं. लेकिन इसबार 320 या उससे ज्यादा पंचायतों का अस्तित्व खत्म होने वाला है.
बिहार में अप्रैल और मई में चुनाव होने की संभावना है और इसकी तैयारियां जोरों से शुरू हो चुकी हैं. लेकिन राज्य कैबिनेट द्वारा लिए गये कुछ निर्णयों के बाद 300 से ज्यादा पंचायतों का अस्तित्व खत्म होने वाला है. चूंकि राज्य कैबिनेट ने बिहार में 117 नये नगर निकायों के गठन की मंजूरी दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि 300 या उससे कुछ ज्यादा पंचायतें अब नगरनिकायों की सीमा में आ जायेंगी. ऐसे में इनका अस्तित्व खत्म हो जायेगा.
सरकार इन पंचायतों के परिसीमन का काम नगर निकायों के परिसीमन के साथ करने वाली है.
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गौरतलब है कि राज्य में फिलवक्त 8 हजार से ज्यादा पंचायतें हैं. इन पंचायतों में मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य और जिला परिषद के चुनाव होने वाले हैं.
याद रहे कि बिहार में नये पंचायत राज अधिनियम के अनुसार 2000 में पहला चुनाव हुआ था. इस अधिनियम के तहत पंचायतों के मुखिया और सरपंचों को अनेक संवैधानिक शक्तियां दी गयीं. पंचायतों में विकास के काम को मुखिया द्वार तय किया जाता है जबकि सरपंच के पास विवाद से जुड़े मामले में फैसला देने का अधिकार है.
बिहार में पंचायतों में महिलाओं, अनुसूचित जाति, अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा निर्धारित की गयी है.