इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के चारों आरोपी बरी हो गए हैं। इसकी वजह है पुलिस ने कोर्ट में जरूरी सबूत नहीं दिए। कोर्ट ने आरोपियों को बरी करते हुए बिहार पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। इसके बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है। इसलिए पुलिस को जिस मुस्तैदी से साक्ष्य जुटाना चाहिए, वह मुस्तैदी गायब है। इसका नतीजा है कि अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है और अपराध खुल कर हो रहे हैं। अपराध के बाद अपराधी बेदाग छूट जा रहे हैं।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश सरकार और बिहार पुलिस का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है! अपराधी पुलिस से घबराते नहीं हैं क्योंकि उन्हें नीतीश सरकार का संरक्षण प्राप्त है और इसी कारण से आम नागरिकों को बिहार पुलिस पर विश्वास भी नहीं है! पुलिस का काम केवल अपराधियों की धरपकड़ ही नहीं है, आपराधिक मामलों की अच्छे से जाँच कर सभी सबूत जुटाना, मजबूत केस बनाना, मामले को न्यायालय में मजबूती से पेश करना भी एक आधुनिक पुलिस बल का काम होता है! बिहार पुलिस तो पहले ही चरण में असफल सिद्ध हो जाती है, अपराधियों व संदिग्धों की धरपकड़ में ही असफल हो जाती है। ऐसे में बिहार में अपराधियों का दुःसाहस सातवें आसमान पर है।
————–
हिरोशिमा दिवस : हथियारों की होड़ बढ़ा रहा अमेरिका
इधर एनडीए के नेता पुलिस की कार्यशैली पर बात करने के बजाय 18 सा पहले के लालू राज पर सवाल करते हैं। एनडीए सरकार प्रशासन को दुरुस्त करने के बजाय इसे भी राजनीतिक मुद्दा बना कर बैठ जाती है। राजद ने कहा कि तेजस्वी यादव की बिहार यात्रा में बढ़ता अपराध प्रमुख मुद्दा होगा। एनडीए सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है।