बिहार में दहेज हत्या Dowry Killing में दस प्रतिशत इजाफा तो मर्डर 9 प्रतिशत बढ़े
NCRB के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दहेज हत्या ( Dowry Killing) के मामले बिहार में 10 प्रतिशत बढ़ा है और UP के बाद बिहार दूसरे पायदान पर है.
यह आंकड़े 2017 के हैं. अक्टूबर 2017 में नीतीश कुमार ने दहेज के खिलाफ अभियान शुरू किया था. National Crime Record Bureau NCRB ने जो डाटा जारी किया है उसके अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर दहेज हत्या के मामले में कमी आई है लेकिन बिहार में दहेज हत्या के मामले बढ़ें हैं.
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बिहार में जहां 2016 में 987 दहेज हत्या के मामले रिकार्ड किये गये थे जबकि 2017 में 1081 मामले दर्ज किये गये. इस प्रकार एक वर्ष में करीब दस प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
हत्या के अन्य मामलों में भी बिहार में करीब 9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जहां 2016 में राज्य में हत्या कुल 2581 मामले रिकार्ड किये गये वहीं उसके अगले साल यह आंकड़ा 2803 पर पहुंच गया.
Dowry Killing
बिहार में जहां 2016 में 987 दहेज हत्या के मामले रिकार्ड किये गये थे जबकि 2017 में 1081 मामले दर्ज किये गये. इस प्रकार एक वर्ष में करीब दस प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
काबिल जिक्र है कि 2017 के दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन नीतीश कुमार ने दहेज और बालविवाह के विरुद्ध अभियान की शुरुआत की थी. नीतीश सरकार के इस अभियान का कितना असर हुआ है इससे जुड़ा आंकड़ा अगले साल पता चल सकेगा.
इसी अभियान के मद्देनजर उपमुख्य मंत्री सुशील मोदी ने अपने बेटे की शादी में दहेज ना लेने की घोषणा की थी.
NCRB के डाटा के अनुसार देश में सार्वाधिक दहेज हत्या उत्तर प्रेदश में हुई. 2017 में राज्य में 2524 दहेज हत्या के मामले नोट किये गये.
काबिले जिक्र है कि बिहार में पिछले एक वर्ष में हत्या के मामले में भारी इजाफा हुआ है. हालांकि 2018 का अधिकृत रिकार्ड अभी आना बाकी है लेकिन मीडिया खबरों पर गौर करें तो साफ पता लता है कि 2018 में अपराध के मामले में अपेक्षाकृत भारी इजाफा हुआ है.