इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम
आज हक की बात, इर्शादुल हक के साथ में हम बिहार के सुपर सीएम डीके बॉस की काली करतूतों की दास्तान बता रहे हैं. वह डीके बास जो आईएएस अफसर रहे हैं. तीन साल पहले चीफ सिक्रेट्री के पद से रिटायर होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रिंसिपल सिक्रेट्री बने. और सुपर सीएम हैं. उन्होंने एक महिला को 25 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाने के लिए गजब खेल रचा.
गौर कीजिए-लोकेश कुमार को 31 अगस्त 2024 को वित्त विभाग का प्रधान सिचव बनाया गया था. नियुक्ति पर नीतीश ने दस्तखत किये. तीन दिन बाद उन लोकेश कुमार की छुट्टी कर दी गयी. राजद के सुधाकर सिंह दावा कर रहे हैं कि उनकी नियुक्ति सुपर सीएम ने करवा दी. और अपने बहनोई आनंद किशोर को उनकी जगह बिठा दिया.
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फिर खेल शुरू हुआ. वित्त विभाग में एक क्लाइमेट सेल का गठन करवाया गया. इस सेल में उस महिला, जो डीके बॉस की बेटी हैं और जिनका नाम ईशा वर्मा है को शामिल किया गया. सरकार की प्रक्रिया के बिना इस सेल का गठन भी हुआ और इसके लिए 25 करोड़ रुपये का बजटीय एलोकेशन भी हो गया.
और सुधाकर कहते हैं कि इस काम की जिम्मेदारी बुधी सेंटर फार ससटेनेबल ग्रोथ प्रा. लि. जिसकी मालिकन ईशा वर्मा हैं, उस कम्पनी को ये 25 करोड़ रुपये देने की योजना बन गयी.
इस पूरे खेल को समझिए और देखिए विडियो और जानिये सुपर सीएम डीके बॉस की काली करतूतों की पूरी कहानी.