बिहार विधान परिषद देश का पहला सदन है जिसने सदस्यों के संसदीय दायित्व के निर्वहन में सुविधा प्रदान करने वाली नेशनल ई-विधान सेवा नेवा का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने आज यहां बताया कि 28 जून से शुरू हो रहे 192वें सत्र से यह सुविधा नेवा सॉफ्टवेयर के माध्यम से सदस्यों को मिलनी शुरू हो जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्रालय ने 18 जून 2019 को ही घोषित कर दिया था कि बिहार विधान परिषद देश का पहला सदन है जिसने सफलतापूर्वक नेवा का उपयोग करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही उन्हें भी बधाई दी है।
श्री रशीद ने बताया कि 192वें सत्र में सदस्यों के सभी तारांकित प्रश्न संबंधित विभाग को नेवा के माध्यम से भेजे जा रहे हैं। इसी तरह संबंधित विभाग द्वारा नेवा के जरिए ही उत्तर प्राप्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ध्यानाकर्षण की सूचना भी नेवा के माध्यम से ही भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही अनुसूचित प्रश्न एवं निवेदन भी इसी के माध्यम से ही भेजे जाएंगे तथा उत्तर प्राप्त किए जाएंगे।
कार्यकारी सभापति ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्रालय और नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने ही नेवा सॉफ्टवेयर तैयार किया है। यह सदस्यों के संसदीय दायित्वों के निर्वहन में सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार किया गया सॉफ्टवेयर है। उन्होंने कहा कि अब सदस्य मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से अपना प्रश्न परिषद सचिवालय को भेज सकते हैं। इसके लिए सदस्यों को विधान परिषद या राजधानी पटना आना आवश्यक नहीं है।
श्री रशीद ने कहा कि सदस्य अब अपने क्षेत्र में बैठकर ही कार्य संपादित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सदस्यों को यह भी सुविधा प्रदान की गई है कि वे मोबाइल में आवाज रिकॉर्ड कर भी अपने प्रश्न परिषद सचिवालय में भेज सकेंगे।
कार्यकारी सभापति ने बताया कि नेवा के माध्यम से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संजय प्रसाद ने परिषद सचिवालय को अपना पहला प्रश्न सौंपा है। इस तरह से श्री प्रसाद देश में परिषद के लिए नेवा के माध्यम से प्रश्न सौंपने वाले पहले सदस्य बन गए हैं। उन्होंने कहा कि परिषद सचिवालय को सदस्यों की ओर से नेवा के माध्यम से लगातार प्रश्न मिल रहे हैं। अब देश की संसदीय व्यवस्था इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से संचालित होगी, जिसे वन नेशन वन एप्लीकेशन का नाम दिया गया है।