बिहार विधानसभा में आज फर्जी राशन कार्ड पर खाद्यान्न का उठाव कर कालाबाजारी करने के मामले को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने इस मामले को खुद देखने और मामला सही पाए जाने पर सदन की कमेटी से जांच कराने का आश्वासन दिया।
विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भाई बिरेंद्र के अल्पसूचित प्रश्न पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन साहनी के जवाब पर हुए हंगामे के बाद सभा अध्यक्ष श्री चौधरी ने सदस्यों के आग्रह पर कहा कि वह इस मामले को अपने स्तर से देखेंगे और यदि फर्जी राशन कार्ड पर हो रही कालाबाजारी का मामला सही पाया गया तो वह जांच के लिए सदन की कमेटी बना देंगे।
इससे पूर्व श्री साहनी ने कहा कि नौ लाख 68 हजार फर्जी राशन कार्ड चिन्हित किए गए, जिनमें से दो लाख 59 हजार को रद्द कर खाद्यान्न का आवंटन रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि चिन्हित राशन कार्डधारक को अपनी पात्रता सिद्ध करने के लिए मौका दिया जा रहा है।
राजद के भाई बिरेंद्र ने पूरक प्रश्न के दौरान कहा कि फर्जी राशन कार्ड के जरिए खाद्यान्न का उठाव कर कालाबाजारी हो रही है। इसका उनके पास जिलावार प्रमाण भी है। इस पर सभा अध्यक्ष ने कहा कि यदि आपके पास प्रमाण है तो सरकार को दें वह उसकी जांच कराएगी।
कांग्रेस के सदानंद सिंह ने कहा कि मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, भागलपुर, अररिया, दरभंगा और गया समेत कई जिलों में राशन कार्ड नहीं बांटा गया है। इसके लिए लोगों से राशि की उगाही की जा रही है और जो लोग पैसा दे रहे हैं उन्हें ही राशन कार्ड दिया जा रहा है।
राजद के अब्दुल बारी सिद्धकी ने जानना चाहा कि राज्य में फर्जी राशन कार्ड के आधार पर खाद्यान्न का जो उठाव किया गया है वह कहां गया। कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने राशन कार्ड की गड़बड़ी रोकने के लिए सभी राशन कार्ड को आधार से जोड़ने का सुझाव दिया। कांग्रेस के ही डॉ. अशोक राम ने जानना चाहा कि फर्जी राशन कार्ड पर खाद्यान्न उठाव के लिए दोषी पदाधिकारियों पर सरकार ने क्या कार्यवाही की है।
इस पर मंत्री ने कहा कि 2011 के सर्वे के आधार पर नौ लाख 68 हजार चिन्हित फर्जी राशन कार्डधारियों में से जिनका राशन कार्ड रद्द कर दिया गया है उन्हें आवंटन नहीं दिया जा रहा है लेकिन जिनका राशन कार्ड अभी रद्द नहीं किया गया उन्हें आवंटन जारी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास कार्ड है वह कोई धन्ना सेठ नहीं हैं।