बिहार में उद्योग पिछड़ा, राष्ट्रीय रैंकिंग में झारखण्ड निकला बिहार से आगे
व्यवसाइयों के अनुसार ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में बिहार का ख़राब प्रदर्शन राज्य में उद्योग जगत के लिए बुरी खबर है. व्यवसाइयों ने कहा बिहार में नयी सरकार बनने के बाद राज्य में उद्योगों के दिन बदलेंगे।
शाहबाज़ की विशेष रिपोर्ट
बड़ी खबर यह है कि बिहार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of doing business) रैंकिंग में पडोसी राज्य झारखण्ड से भी पिछड़ गया है.
बता दें कि राष्ट्रीय स्तर पर ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of doing business) रैंकिंग 2019 में बिहार को 26वां स्थान मिला है, जबकि बिहार के ही पड़ोसी राज्य झारखण्ड ने 5 वां स्थान हासिल किया है. वही उत्तर प्रदेश को दूसरा स्थान हासिल हुआ है. 2019 की रैंकिंग में बिहार 7 स्थानों की गिरावट दर्ज की गयी. पिछले साल की रैंकिंग में बिहार 18 वें स्थान पर था.
ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की ताज़ा रैंकिंग में आंध्र प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है. वही उत्तर प्रदेश,तेलंगाना,मध्य प्रदेश और झारखण्ड क्रमशः दुसरे,तीसरे,चौथे और पांचवे नंबर पर रहा है. राष्ट्रीय रैंकिंग में बिहार के ख़राब प्रदर्शन से राज्य के उद्योगपति एवं व्यवसायों ने चिंता जताते हुए अगली सरकार से उम्मीद जताई है.
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ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग
राष्ट्रीय स्तर पर ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग देश के विभिन्न राज्यों में कारोबार करने के माहौल को बेंचमार्कों के ज़रिये तुलना करता है. इस बार कुल देश के 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशो को शामिल किया गया है. केंद्र सरकार ने स्टेट बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान 2018-19 के तहत हाल ही में राष्ट्रीय रैंकिंग को जारी किया है. इस बार की रैंकिंग का निर्धारण पूरी तरह से यूजर्स की फीडबैक पर आधारित है. जिन बेंचमार्को पर रैंकिंग निर्धारित होती है उनमे ज़मीं उपलब्धता, सुचना प्राप्त करने में लगने वाला समय, परमिट, उद्योगों को सरकारी सहायता इत्यादि प्रमुख है.
व्यवसाइयों के अनुसार ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में बिहार का ख़राब प्रदर्शन राज्य में उद्योग जगत के लिए बुरी खबर है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (BIA) अध्यक्ष राम लाल खेतान ने कहा कि बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम चालू किया गया है पर यह सही से काम नहीं कर रहा. जिसके कारण व्यवसायिओं एवं उद्योगपतियों को पूरी मदद नहीं मिल पा रही है.
बिहार चुनाव के बाद अगली सरकार से उम्मीद बांधते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद बिहार में नयी सरकार बनेगी। निश्चित ही इससे बिहार के उद्योगों को फायदा होने की उम्मीद है.
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क्यों नहीं पनप रहा बिहार में उद्योग ?
गौरतलब है की उद्योगों के मामले में बिहार का प्रदर्शन ख़राब हुआ है. पिछले साल बिहार 18 वें स्थान पर था जबकि 2019 में राज्य 7 स्थान लुढ़ककर 26 वें स्थान पर आ गया. उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में उद्योगों का विकास न हो पाने के तीन प्रमुख कारण है; ज़मीन की कमी, अफसरशाही और उद्योगपतियों में विस्वास की कमी. हलाकि बिहार सरकार के तमाम दावों के बावजूद बिहार में उद्योग पनप नहीं पाया है.
आगामी बिहार चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को ही बिहार में उद्योग लगाने के लिए बियाडा की ज़मीन पर 50 % तक छूट देने का ऐलान किया। वही उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दवा किया है कि सरकार राज्य में फ्लाई एश ईंट उद्योग को प्रोत्साहित करेगी।