बिहारशरीफ में असफल दंगे के बाद क्यों लोग ले रहे IAS कुमार रवि का नाम

बिहारशरीफ में असफल दंगे के बाद क्यों लोग ले रहे IAS कुमार रवि का नाम। मार्च में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश हुई थी, तब उन्होंने यहां कैंप किया था।

ढाई महीना हो गए, पर आज भी नालंदा और बिहारशरीफ के लोग प्रमंडलीय आयुक्त IAS कुमार रवि का नाम ले रहे हैं। मार्च के अंत में बिहारशरीफ में रामनवमी के दौरान शहर में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की पूरी कोशिश की गई थी। सांप्रदायिक तत्वों ने अफवाह फैला कर सांप्रदायिक तनाव फैला दिया था। ऐतिहासिक लाइब्रेरी को आग के हवाले कर दिया था। कई दुकानें लूट ली थीं। लग रहा था कि कहीं दो समुदायों में हिंसा न भड़क जाए या गांवों में हिंसा न फैल जाए। लोग डरे हुए थे। तभी मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि वहां पहुंचे और फिर नफरत की आग ठंडी पड़ने लगी। उस दौरान आईएएस कुमार रवि ने जिस प्रकार नफरत और हिंसा को काबू में किया, उसकी चर्चा आज भी बिहारशरीफ के लोग करते हैं।

बिहारशरीफ के अधिवक्ता अनिल पटेल ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि ने जिस प्रकार हर वर्ग के लोगों से संपर्क किया, उन्हें हिंसा के खिलाफ संगठित किया, वह काबिले तारीफ है। दंगा फैलने से रोकने में उनकी अहम भूमिका थी। ऐसा ही आम दुकानदारों और लोगों ने भी कहा।

कुमार रवि ने यहां कैंप करके हर वर्ग के लोगों से संपर्क किया। उनका फीडबैक लिया और उस अनुसार प्रशासन को सक्रिय किया। उनके पहुंचने के बाद प्रशासन ने सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए लोगों को अफवाह से बचने की मुहिम चलाई। हर मुहल्ले के शांतिप्रिय लोगों तथा प्रतिनिधियों को सक्रिय किया गया तथा उनका सहयोग लिया गया। शांति समितियों को सक्रिय किया गया। फिर शांति मार्च निकाला गया। शांति मार्च में प्रशासन के अधिकारियों के अलावा शहर के हर वर्ग के प्रबुद्ध लोग शामिल हुए।

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By Editor


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