Bilkis मामले में महिला जज ने सुनवाई बेंच से खुद को किया अलग

Bilkis गैंग रेप के दोषियों की सजा माफ करने तथा उन्हें जेल से रिहा करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए बनी बेंच से महिला जज ने खुद को किया अलग।

यह एक अप्रत्याशित खबर है। बिलकिस बानो गैंग रेप के दोषियों की सजा माफ करने तथा उन्हें जेल से रिहा करने के खिलाफ बिलकिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए याचिका स्वीकार कर ली। सुनवाई के लिए दो जजों की बेंच भी बना दी। इसमें एक पुरष तथा एक महिला जज हैं। अब खबर है कि महिला जज ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। मामला चूंकि एक महिला के साथ भयानक अत्याचार का है, तो ऐसे मामले की सुनवाई से महिला जज द्वारा खुद को अलग करना बड़ी खबर है। न्याय में भरोसा रखने वाले लोग इस खबर से चिंतित हैं।

बिलकिस बानो गैंग रेप के 11 दोषियों की सजा बहाल करने तथा उन्हें फिर से जेल में डालने के मकसद से दायर याचिका की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। बेंच के दूसरे जस्टिस अजय रस्तोगी हैं।

मंगलवार को जैसे ही बिलकिस मामले की सुनवाई के लिए दोनों जस्टिस बैठे, जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि सिस्टर जज माले की सुनवाई नहीं करना चाहती हैं। मालूम हो कि वर्ष 2002 में गुजरात दंगे के समय बिलकिस बानों के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी। उस समय उनकी उम्र 21 वर्ष थी। उनकी एक बेटी थी, जिसकी रेपिस्टों ने हत्या कर दी। परिवार के अन्य सदस्यों की भी हत्या कर दी गई थी। जैसे ही जस्टिस रस्चोगी ने यह कहा कि सिस्टर जज मामले की सुनवाई नहीं करना चाहती हैं, वैसे ही कोर्ट की कार्यवाही स्थगित हो गई। अब बिलकिस केस नई बेंच के सामने पेश होगा।

मामला चूंकि सुप्रीम कोर्ट का है इसलिए सोशल मीडिया पर भी कोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की जा रही है। वोग बस खबर को शेयर कर रहे हैं।

बिलकिस गैंग रेप के दोषियों की सजा माफ करने के खिलाफ देश भर से महिला संगठनों तथा लोकतांत्रित समूहों ने आवाज उठाई थी। कई शहरों में प्रदर्शन भी हुए थे।

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