असम गण परिषद ने भाजपा को धमकी दी है कि अगर बांग्लादेशी हिंदुओं को नागरिता देने का कानून पर अमल किया गया तो NDA टूट जायेगा.
असम गण परिषद भाजपा से इस बात पर नाराज है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में नोटिफिकेशन जारी कर कुछ राज्य को यह अधिकार दिया था कि वे भारत में रह रहे विदेशी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता देने की दिशा में काम कर सकते हैं. असम गण परिषद इस फैसले का घोर विरोधी है.
असम गण परिषद के प्रवक्ता सत्यव्रत कालेता ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि लगता है कि मोदी सरकार गैरमुल्की हिंदुओं को नाकरिकता देने का कानून बनाना चाहती है और यह फैसला उस दिशा में उसका पहला कदम है. कालेता ने कहा कि अगर केंद्र ने ऐसा किया तो उनकी पार्टी NDA छोड़ने में देर नहीं करेगी.
गौरतलब है कि असम गण परिषद NDA का हिस्सा है और वह असम में सरकार में शामिल है.
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असम गण परिषद का साफ मत है कि अगर बांग्लादेशी हिंदुओं को नागरिकता दी गयी तो असम की सांस्कृतिक और भाषाई टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस कभी स्वीकार नहीं कर सकती.
JDU का भी है समर्थन
याद रहे कि पिछले दिनों असम गण परिषद का एक शिष्टमंडल जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से भी मिला था और नीतीश कुमार ने उनकी इस मांग का खुल कर समर्थन किया था. जदयू ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि गैरमुल्कियों को नागरिकता प्रदान करने के वह खिलाफ है.
AGP और जदयू दोनों NDA के वैसे घटक दल हैं जो असम में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजेन (NRC) पर भाजपा के घोर आलोचक रहे हैं. असम में नागरिकता के सवाल पर तो AGP ने राज्य और केंद्र की भाजपा सरकारों को यहां तक धमकी दे रखा है कि अगर अल्पसंख्यकों के नाम पर अगर बांग्लादेशी हिंदुओं को नागरिकता देने का कानून बनाया गया तो वह सरकार से बाहर हो जायेगी. उधर जदयू भी पहले ही इस तरह का बयान दे कर AGP का हौसला बढ़ा चुका है.
हाल ही में अगपा ने विदेशी नागरिकाता के प्रस्तावित कानून के खिलाफ विशाल रैली की थी.
पिछले कुछ दिनों से एनडी में विघटन जारी है. आंध्रप्रदेश में उसकी साझेदार तेलुगू देशम पार्टी पहले ही एनडी छोड़ चुकी है जबिक सीटों के बंटवारे को ले कर उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी का रवैया भी भाजपा के लिए सिरदर्द बना हुआ है.