Bhartiya Janta Party की स्थापना 1980 में हुई। BJP ने भगवान राम नाम के साथ अपनी राजनीति की शुरूआत की थी। फिर Lalkrishna Advani ने Ram Mandir निर्माण को लेकर सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ निकाला। लालकृष्ण आडवाणी ये वो नाम था जिसने Babri Masjid की जगह मंदिर बनवाने के लिए अपनी पूरी ताक़त लगा दी थी। बाबरी मस्जिद 1528-29 में बाबर के कहने पर मीर बाक़ी ने बनवाया था जिसे 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने ध्वस्त कर दिया। आडवाणी के साथ हमेशा साथ दिखने वाले और उस रथयात्रा में भी आडवाणी के साथ एक शख्स खड़ा था जिसे तब तो किसी ने नहीं पहचाना, मगर अब सब जानते हैं, ये व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि Narendra Modi थे। जिसने 5 अगस्त 2020 को बतौर भारत का प्रधानमंत्री(Prime Minister of India) अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण की नींव रखी।
इसके साथ ही यह मुद्दा भी उठने लगा है, कि क्या बिहार 2020 विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में बीजेपी एक बार फिर राम नाम का सहारा लेगी? अयोध्या में ऐसे मौके पर तकरीबन 500 साल के बाद राम मंदिर बनाने की तैयारी की जा रही है, जब बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। साल 1990 से लेकर अब तक बीजेपी ने राम मंदिर को अपना अहम चुनावी मुद्दा बनाया है, चाहे वो पिछले साल हुआ लोकसभा का चुनाव हो या फिर राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव। राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के लिए अहम रहा है। जिसे वो हमेशा इस्तेमाल करती आई है।
देखना है, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राममंदिर का लाभ भाजपा लेती है, या नीतीश कुमार के नाम का सिक्का चलता है। या फिर विपक्ष में बैठा राजद वोटरों को लुभाता है। समय के साथ सवालों के जवाब मिल जाएंगे। फ़िलहाल सूबे और देश को कोरोना संकट से लोगों को बचाने की नीति पर ग़ौर करना भी ज़रूरी है।