पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन प्रत्याशी डॉ0 संजय जायसवाल ने रविवार को मतदान के दिन अपने ऊपर हुए हमले के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को जिम्मेवार ठहराते हुए साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है।
श्री जायसवाल ने बेतिया में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मतदान के तीन दिन पहले से ही मतदान केन्द्र संख्या 162-163 पर गड़बड़ी होने की सूचना जिला प्रशासन को दी जा रही थी लेकिन इसके बावजूद उक्त केन्द्र पर होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गयी। उन्होंने कहा कि बूथ पर मौजूद पोलिंग एजेंट से बुर्के में पुरुषों द्वारा मतदान करने और हिंदुओ को धमका कर मतदान करवाने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि उक्त सूचना पर जब वह मौके पर पहुंचे तो असमाजिक तत्वों ने ईंट-पत्थर और लाठी से अचानक हमला कर दिया।
राजग प्रत्याशी ने कहा कि हमले में उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने कहा कि यदि उनके सुरक्षाकर्मी ने हवाई फायरिंग नहीं की होती तो शायद उनकी हत्या हो जाती। उन्होंने कहा कि जब पूरे मामले की जानकारी पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को दी गयी तो उन्होंनें मौके पर पहुंचने का आश्वासन दिया। लेकिन करीब चार घंटे बीतने के बावजूद अधिकारी नहीं पहुंचे जिसके कारण मुझे और पूर्व मंत्री श्यामबिहारी प्रसाद को बूथ के एक कमरे में करीब चार घंटे तक मजबूरन कैद रहना पड़ा।
श्री जायसवाल ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में करते हुए अपने वाहन में बैठा कर उन्हें बचाया। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने इतनी बड़ी घटना के बावजूद केन्द्रीय बल को मौके पर नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ मामले को लेकर संबंधित थाना में आवेदन देने के बाद भी असमाजिक तत्वों पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी बल्कि इससे उलट मुझ पर और मेरे समर्थकों पर प्राथमिकी दर्ज कर दी गयी। उन्होंने मुख्यमंत्री और निर्वाचन पदाधिकारी, दिल्ली से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।