भाजपा की परेशानी बढ़ी, किसान मनाएंगे पुलवामा दिवस
एक तरफ भाजपा बंगाल और असम चुनाव में व्यस्त है, वहीं दूसरी तरफ ‘आंदोलनजीवी’ किसान पुलवामा दिवस मनाएंगे। शहीद जवानों और शहीद किसानों को याद करेंगे।
कुमार अनिल
पुलवामा में आतंकी हमला 2019 के चुनाव के पहले हुआ था। तब यह मुद्दा पूरे चुनाव में गर्म था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब चुनाव प्रचार में युवा मतदाताओं से कहा था कि वे अपना पहला वोट पुलवामा के शहीदों और सेना को समर्पित करें। तब पुलवामा चुनाव का मुद्दा बना था, अब वही पुलवामा की शहादत आंदोलन का मुद्दा बन गया है।
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किसान एकता मोर्चा ने ऐलान किया है कि 14 फरवरी को पुलवामा शहीद दिवस मनाया जाएगा। इस दिन देशभर में पुलवामा के शहीदों के साथ ही वर्तमान किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। जय जवान-जय किसान का नारा लगाएंगे किसान।
अबतक भाजपा के कई बड़े नेता किसान आंदोलन को देशविरोधी आंदोलन बता चुके हैं। खुद प्रधानमंत्री ने आंदोलनों को ताकत देनेवालों को आंदोलनजीवी-परजीवी कहा। अब किसान पुलवामा दिवस मनाएंगे, तब भाजपा क्या करती है, यह भी देखना होगा। पुलवामा दिवस के जरिये किसान यह संदेश देना चाहते हैं कि भाजपा सरकार को न तो जवानों की चिंता है और न ही किसानों की। जिस राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाकर अबतक भाजपा विरोधी दलों ही नहीं, आंदोलनकारियों पर भी हमले करती रही है, अब किसानों ने उसे पलट दिया है। क्या भाजपा भी पुलवाम दिवस मनाएगी।
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14 फरवरी को किसान संगठन देशभर में मोमबत्ती जुलूस, मशाल जुलूस मिकालेंगे। किसान मोर्चा 16 फरवरी को किसान नेता सर छोटू राम को याद करेंगे। उनके आंदोलन के कार्यक्रम को देखकर स्पष्ट है कि किसान मोर्चा ने लंबी लड़ाई की रणनीति बना ली है। 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से चार बजे तक रेल रोको आंदोलन होगा। राजस्थान में किसान आंदोलन को तेज करने के लिए 12 फरवरी को सारे टोल प्लाजा मुक्त किए जाएंगे।