BJP को त्रिपुरा में जीत, बंगाल ने बजा दी खतरे की घंटी
BJP को उम्मीद के अनुसार त्रिपुरा में जीत, पर बंगाल ने बजा दी खतरे की घंटी। बही नई हवा। सागरदिघी में कांग्रेस की हुई जीत। भाजपा का वोट वापस कांग्रेस में।
कुमार अनिल
त्रिपुरा ने एक बार फिर से भाजपा पर भरोसा जताया है। लेकिन बंगाल ने चौंकाया। मुर्शिदाबाद जिले की सागरदिघी सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम नई हवा की तरह है। यहां लगातार तीन बार से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी जीत रही थी। 2021 में भी टीएमसी की जीत हुई थी, वह भी 50 हजार वोट के के भारी अंतर से। उसे 95 हजार से अधिक वोट मिले थे, जबकि भाजपा दूसरे नंबर थी। भाजपा को 44 हजार से अधिक वोट मिले थे। सभी ने मान लिया था और तथ्य भी वही थे कि कांग्रेस और लेफ्ट का वोट भाजपा की तरफ शिफ्ट हो गया था।
सागरदिघी ने इस बार नई हवा बहा दी। भाजपा तीसरे नंबर पर चली गई और उसे 19 हजार वोट मिले। 24 हजार वोट कम हो गए। टीएमसी के भी 45 हजार वोट घट गए। ये दोनों वोट लेफ्ट समर्थित कांग्रेस को मिले, उसके उम्मीदवार बैरोन विश्वास 63 हजार वोट लाकर जीत गए।
साफ है कि कांग्रेस और लेफ्ट का जो वोट भाजपा की तरफ गया था, वह भाजपा से निराश होकर फिर से कांग्रेस में लौट आया है। यह हवा 2024 तक जारी रही, तो भाजपा के लिए भारी परेशानी हो सकती है। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 18 सीटें मिली थीं। तब लेफ्ट और कांग्रेस का वोट भाजपा की तरफ शिफ्ट हो गया था। सागरदिघी अगर ट्रेंड बना, तो भाजपा को 2024 में कितनी सीटें मिलेंगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
एक और खास बात कि टीएमसी का वोट भी कमा है। माना जा रहा है कि मुस्लिम मत टीएमसी से नाराज होकर कांग्रेस की तरफ लौटा है। इसका मतलब साफ है कि भाजपा के साथ ही टीएमसी के लिए भी परेशानी भरे दिन आ सकते हैं।
त्रिपुरा में भाजपा 33 सीटों पर आगे है और वह अपने दम पर सरकार बना लेगी। यहां कांग्रेस-लेफ्ट 16 सीटों पर सिमट गई है। नगालैंड में भी भाजपा गठबंधन की जीत हुई है। वहीं महाराष्ट्र में भाजपा के गढ़ कसबा में उसे झटका लगा है। यहां कांग्रेस की जीत हुई है।
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