नीतीश के स्वाभिमान को BJP का चैलेंज, कहा शराबबंदी कानून बदलें
भाजपा ने नीतीश कुमार को कमजोर मुख्यमंत्री साबित करने के लिए उनके स्वाभिमान को चैलेंज कर दिया है. नयी सरकार के गठन से पहले ही भाजपा के कद्दावर नेता निशिकांत दुबे ने साफ शब्दों में कह डाला है कि नीतीश कुमार शराबबंदी कानून ( Liquor Ban) में कुछ संशोधन करें.
आप को याद दिला दें कि नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून के खिलाफ भारी विरोध के बावजूद इसे लागू किया था. और तब उन्होंने यहां तक कहा था कि शराब माफिया उनकी हत्या तक करा सकते हैं लेकिन वह अपने फैसले से एक कदम पीछे नहीं होंगे. नीतीश कुमार ने शराब बंदी कानून लागू करते समय बिहार विधानमंडल के तमाम सदस्यों से सदन में शपथ दिलवाई थी कि वे शराब पीने या पीने को बढ़ावा देने के किसी भी प्रयास का हिस्सा नहीं होंगे.
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लेकिन भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे का शराब बंदी कानून में ढील की मांग ऐसे समय में आयी है जब अभी नयी सरकार का गठन भी नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी इस बार चुनाव में बहुत बुरे प्रदर्शन के कारण आलोचना का शिकार है. 2015 में जहां जदयू को 71 सीटें मिली थी वहीं इस बार उसके सदस्यों की संख्या गिर कर मात्र 43 रह गयी है जबकि भाजपा विधायकों की संख्या 53 से बढ़ कर 74 हो गयी है.
एक कमजोर मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार काफी दबाव में आ सकते हैं. इसी बात के मद्देनजर राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने यहां तक कह दिया था कि नीतीश कुमार को इस बार भाजपा कदम कदम पर अपमानित करती रहेगी.
उधर राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा था कि भाजपा नीतीश कुमार को चैन से रहने नहीं देगी और बिाहर की जनता उन्हें चैन से रहने नहीं देगी.
शराबबंदी कानून में संशोधन की बात करते हुए निशाकांत दुबे ने ट्विट करते हुए कहा है कि जिनको पीना पिलाना है वह झारखंड, पश्चिम बंगाल या उत्तर प्रदेश जा कर पीते पिलाते हैं. इससे सरकारी राजस्व में भारी नुकसान होता है. साथ ही इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है.
अब देखना है नीतीश कुमार इस दबाव के आगे झुकते हैं या फिर अपने स्टैंड पर कायम रहते हैं.