भाजपा की हार के जख्म पर जदयू ने छिड़का नमक
बंगाल में भाजपा की हार व ममता की जीत पर राजद की खुशी स्वाभाविक है, लेकिन जदयू के बड़े नेता ने भी जताई खुशी।
चुनाव जीतनेवाले दल को दूसरे दल बधाई देते हैं। लेकिन जदयू के वरिष्ठ नेता और पार्टी के संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बधाई देते हुए जिन शब्दों का उपयोग किया, उससे भाजपा समर्थक बौखला रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने ट्विट किया-भारी चक्रव्यूह को तोड़कर प. बंगाल में फिर से शानदार जीत के लिए ममता जी को बहुत-बहुत बधाई।
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उपेंद्र कुशवाहा ने जीत को शानदार जीत कहा है। इसमें उनकी खुशी झलक रही है, पर गौर करनेवाला शब्द है भारी चक्रव्यूह।
चक्रव्यूह किसने रचा था और क्या था चक्रव्यूह? जाहिर है भाजपा ने चक्रव्यूह की रचना की थी। चक्रव्यूह का अर्थ है एक तरफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ दर्जन सभाएं कीं। अमित शाह सहित भारत सरकार के सभी प्रमुख मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री लगातार ममता को घेरने में लगे रहे। चुनाव के दौरान भी तृणमूल नेताओं को ईडी की नोटिस भेजी जाती रही। उनके भतीजे अभिषेक के यहां सीबीआई तक पहुंची। चुनाव आयोग पर भी भाजपा के साथ होने का आरोप लगा।
तृणमूल सहित सभी प्रमुख दलों ने आठ चरणों में मतदान कराने का विरोध किया, लेकिन सिर्फ भाजपा ने समर्थन किया। चक्रव्यूह में भाजपा का संसाधन भी था। विज्ञापनों पर खर्च बेहिसाब किया गया। नेशनल मीडिया भी इस चक्रव्यूह में शामिल था। जब भी प्रधानमंत्री ने बंगाल में सभा की, उसका लाइव प्रसारण किया गया। तृणमूल के नेताओं को तोड़ा गया।
एक तरफ भाजपा की पूरी फौज और दूसरी तरफ ममता अकेली। उपेंद्र कुशवाहा ने शायद इसी चक्रव्यूह का जिक्र किया है। उनके ट्विट के बाद अनेक लोगों ने उनकी आलोचना की और गठबंधन धर्म की याद दिलाई। वहीं कई ने कहा कि जब जदयू की हार पर भाजपा खुश हो सकती है, तो भाजपा की हार पर जदयू खुश क्यों नहीं होगा।
जदयू के एक नेता ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि जदयू को हराने के लिए भाजपा लगातार लोजपा के संपर्क में रही। पूरे चुनाव में भाजपा ने कभी लोजपा की आलोचना नहीं की। माना जा रहा है कि बंगाल में भाजपा की हार से उसके तेवर ढीले पड़ेंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पद छोड़कर दिल्ली की राजनीति में जाने का दबाव अब नहीं रहेगा