भाजपा ने जाति गणना पर सवाल उठाया, जदयू का पलटवार
भाजपा ने जाति गणना पर सवाल उठाया, जदयू का पलटवार। भाजपा सांसद ने कहा कि कुछ जातियों की संख्या साजिश के तहत कम की गई। जदयू ने मांगा प्रमाण।
बिहार में जाति गणना के आंकड़े सामने आने के बाद पिछड़ों-अतिपिछड़ों, दलितों तथा अन्य कमजोर वर्गों में खुशी देखी जा रही है, वहीं भाजपा ने जाति गणना पर सवाल उठाया है। जदयू ने कहा कि कोई प्रमाण है तो सामने लाइए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि समाज के सभी वर्गाे के साथ न्याय औऱ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को विशेष अवसर प्रदान कर उन्हें मुख्यधारा में लाया जाए यही हमारे सामाजिक न्याय का मूल तत्व है। जद(यू0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी छपास रोग से ग्रसित नेता है। अखबार में उनका बयान देखा, वह दावा कर रहे थे कि जातीय गणना करवाने में भाजपा की भूमिका है। लेकिन असलियत बिहार की जनता भी जानती है, सुशील कुमार मोदी को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक किन लोगों ने जातीय गणना की प्रक्रिया में अड़ंगा लगाने का पुरजोर प्रयास किया यह किसी से भी छिपा हुआ नहीं है। भारतीय जनता पार्टी का पिछड़ा और अतिपिछड़ा विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है।
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि अतिपिछड़ी जाति की संख्या साजिश के तहत कम कर दी गई ताकि धर्म विशेष की संख्या अधिक दिखाई जा सके। उनके इस ट्वीट पर जदयू के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि उनके पास साजिश किए जाने का कोई प्रमाण है, तो सामने लाए।
पटना में जदयू कार्यालय में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए जाति गणना पर सवाल खड़ा करनेवालों को आड़े हाथों लिया और कहा कि साजिश करने का कोई प्रमाण है, तो उसे सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा कि जो लोग जाति आधारित गणना के आंकड़ों पर सवाल खड़े कर रहे हैं उन्हें इसका आधार भी पेश करना चाहिए। बिहार सरकार ने कभी भी सुझावों का दरवाजा बंद नहीं किया था। किसी को अगर कोई आपत्ति थी तो उन्हें जरूर सरकार के समक्ष अपना सुझाव रखना चाहिए था।
विजय कुमार चैधरी ने कहा कि अगर राजनीति से प्रेरती होकर जाति आधारित गणना के आँकड़े पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि समूचे प्रदेशवासियों के लिए यह गौरव का विषय है कि जातीय गणना को अमलीजामा पहनाने वाला बिहार देश में पहला राज्य बना। देश के अन्य राज्य सरकारों ने भी जरूर इस ओर पहल किया था लेकिन इसकी जटिलताओं को देखकर कदम वापस खींच लिया गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रभावकारी कार्यशैली का प्रमाण है कि हमने जातीय गणना को शुरू किया तो इसको सफलतापूर्वक संपन्न भी करवाया। विजय कुमार चैधरी ने कहा कि जातीय गणना की मांग अन्य राज्यों में उठना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। यह कदम अपने आप बेहद ऐतिहासिक और युगान्तकारी है इसलिए स्वाभाविक है कि अन्य राज्यों की भी जनता इसके पक्ष अपना आवाज बुलंद करेगी। जातीय गणना के कार्यों से जुड़े हमने अपने तमाम अधिकारियों को भी बधाई दिया है और साथ में उन्हें इस बात को लेकर भी तैयार रहने को कहा है कि देश के अन्य राज्यों में एक्सपर्ट एडवाइस के तौर पर उन्हें आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है।
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