रामराज की माला जपने वाली योगी सरकार के दो विधायकों ने जंगल राज का ऐसा नमूना पेश किया कि उससे सरकार को शर्मशार होना पड़ा है. दोनों विधायकों ने गैरकानूनी लिंग परीक्षण करने वाले डाक्टर दमपत्ति को जबरन पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया.
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के उस दावे की कलई खोल कर रख दी है जिसमें वह ताल ठोक कर कहते रहे हैं कि उनकी सरकार कानून के सामने रोड़ा बनने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगी. भाजपा के विधायक संजीव राजा और अनिल पराशर ने डाक्टर दमपत्ति के गिरफ्तार होने की खबर जैसे ही सुनी तो वह पुलिस के पास पहुंचे और उन्हें इतना मजबूर किया कि डाक्टर दमपत्ति को छोड़ना पड़ा.
टाइम्स आफ इंडिया के अनुसार आगरा के कावरसी पुलिस स्टेशन में पुलिस ने डाक्टर जयंत और उनकी डाक्टर पत्नी दिव्या चौधरी को हिरासत में रखा था. इसी समय ये दोनो विधायक पहुंचे और उन्हें छोड़ने के लिए पुलिस को मजबूर किया.
राजस्थान पुलिस को यह खबर मिली थी कि ये दोनों डाक्टर गैरकानूनी तरीके से लिंग परीक्षण करते हैं. पुलिस ने इन डाक्टरों के पास एक गर्भवती महिला को भेजा और लिंग परीक्षण की बात की. चूंकि पुलिस को शिकायत मिल रही थी कि डाक्टर के यहां धड़ल्ले से लिंग परीक्षण किया जाता है. इसके पहले राजस्थान पुलिस ने स्थानीय पुलिस को इस बात की सूचना दे दी थी.
गौरतलब है कि भारत में बिना मेडिकल आवश्यकता लिंग परीक्षण करना कानूनन जुर्म है. लेकिन इन विधायको ने कानून को धता बताते हुए पुलिस को मजबूर किया और डाक्टर दम्पत्ति को हिरासत से छुड़ा लिया.
लिंग परीक्षण संबंधी प्रभाग के अधिकारी अनिल जैन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया है कि दोनो विधायकों ने जबरन डाक्टर दमपत्ति को छुड़ा लिया.