कृषि कानून पर फिर दरका भाजपा का कुंबा, अब RLP ने छोड़ा साथ
कृषि कानून भाजपा के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है. एक तरफ किसान एक महीने से सरकार को चैन से नहीं रहने दे रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा के सहयोगी दल साथ छोड़ते जा रहे हैं.
जब भाजपा ने अपने संख्या बल से बिना डिबेट के कृषि कानूनों को पारित करवा लिया तब अकाली दल ने उसका साथ छोड़ दिया था. लेकिन अब भाजपा के लिए मुसीबत की खबर राजस्थान से आई है. अकाली दल के बाद अब एक और पार्टी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया है। राजस्थान की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होने का ऐलान कर दिया है।
पार्टी के संयोजक और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनिवाल ने इससे पहले किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए तीन संसदीय समितियों से इस्तीफा दे दिया था।
मीडिया की खबरों में बताया गया है कि अलवर जिले के शाहजहांपुर में किसान रैली को संबोधित करते हुए बेनीवाल ने कहा, ”मैं राजग के साथ ‘फेविकोल’ से नहीं चिपका हुआ हूं। आज, मैं खुद को राजग से अलग करता हूं।” बेनीवाल ने विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच का ऐलान किया था।
आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अलग होने के बाद कहा है कि ”मैंने कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए छोड़ा है। ये कानून किसान विरोधी हैं।
कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों का आंदोलन 31 दिनों से चल रहा है। इससे पहले एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल ने भी कृषि आंदोलन के समर्थन में ही एनडीए से नाता तोड़ लिया था। इसके अलावा कई और छोटे दल भी बीजेपी पर दबाव बढ़ाने में जुटे हुए हैं।
आरएलपी का राजस्थान में कुछ इलाकों में अच्छा प्रभाव है। इसके अलावा कुछ अन्य दल भी खुद को किसानों के समर्थन में दिखाते हुए बीजेपी पर दबाव बना सकते हैं।