क्या भाजपा के 19 लाख रोज़गार के वादे पर भरोसा करेंगे बिहार के वोटर ?

शाहबाज़ की कवर स्टोरी

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार चुनाव के लिए घोषणा-पत्र जारी किया है जिसमें मुख्यतः 19 लाख लोगों को रोज़गार देने और बिहार वासियों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने के वादे किये गए हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज बिहार कि राजधानी पटना में भाजपा का चुनावी घोषणापत्र जारी किया. इस कार्यक्रम में बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल और बिहार प्रभारी भूपेंदर यादव भी मौजूद रहे. इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और लोक जनशक्ति पार्टी भी अपना-अपना मैनिफेस्टो (चुनावी घोषणा-पत्र) जारी कर चुकी हैं.

दरअसल बिहार में तमाम मुख्य राजनीतिक पार्टियों के घोषणा-पत्र जारी होने के बाद, अब भाजपा के चुनावी मैनिफेस्टो में महागठबंधन के CM उम्मीदवार तेजस्वी यादव के तमाम वादों से बना राजनीतिक दबाव साफ़ देखने को मिला है. भाजपा ने भी अपने विज़न डॉक्यूमेंट में रोज़गार सृजन और शिक्षकों कि स्थिति में सुधार और उद्योगों को बढ़ावा देने जैसे वादे किये हैं. अब देखना यह है कि बिहार कि जनता इसपर कितना भरोसा कर पाती है. पहले जान लें कि भारतीय जनता पार्टी ने क्या-क्या वादे किये हैं.

भाजपा का घोषणा-पत्र

बीजेपी ने बिहार के लिए आत्मनिर्भर बिहार 2020-2025 के तहत एक लक्ष्य, पांच सूत्र और 11 संकल्प वाला घोषणा-पत्र जारी किया है। इसके कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं.

19 लाख लोगों को रोज़गार, बिहार के लोगों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन, एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जायेगा, 2022 तक 30 लाख लोगों के लिए पक्के मकान बनाना, स्चूलों और विश्विद्यालयों को मिलाकार 3 लाख शिक्षकों कि भर्ती, एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और मेडिकल और इंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकी कोर्स को हिन्दी भाषा में उपलब्ध कराने जैसे वादे शामिल हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाजपा का चुनावी घोषणा-पत्र जारी करने के बाद मीडिया से कहा “‘यह हमारे चुनावी घोषणा पत्र का सबसे पहला वादा है। जैसे ही कोविड-19 का टीका बड़े पैमाने पर उत्‍पादन के लिए उपलब्‍ध होगा, बिहार में हर व्‍यक्ति का मुफ्त में टीकाकरण होगा”.

भाजपा के चुनावी घोषणा-पत्र से उपजे सवाल

भाजपा द्वारा बिहार को कोरोना वैक्सीन ?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहारियों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया. इसके तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर हंगामा हो गया. आलोचक यह पूछ रहे हैं कि क्या अन्य राज्यों को कोरोना वैक्सीन के लिए पैसे देने पड़ेंगे. ज़ाहिर है जब कोरोना वैक्सीन बनेगी तब तमाम देशवासियों के लिए उपलब्ध होगी न कि सिर्फ बिहार कि जनता के लिए.

ऐसे में बिहार चुनाव से ठीक पहले राज्य के मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त कोरोना वैक्सीन का वादा कहाँ तक सही है ?

भाजपा द्वारा रोज़गार सृजन ?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोक सभा चुनाव के समय 2 करोड़ रोज़गार सृजित करने का वादा किया था. आलोचकों का कहना है कि भाजपा न सिर्फ रोज़गार देने में विफल साबित हुई है बल्कि नोट-बंदी और लॉकडाउन जैसे फैसलों से बड़े पैमाने पर लोगों को रोज़गार/नौकरियां छिन गए हैं.

बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने महागठबंधन CM उम्मीदवार द्वारा 10 लाख नौकरियां देने के वादे पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि इसके लिए पैसे कहाँ से आएंगे ? अब आलोचक पूछ रहे हैं कि भाजपा 19 लाख रोज़गार देने के लिए पैसे कहाँ से लाएगी ? ऐसे में बिहार की जनता भाजपा के वादों पर कैसे भरोसा करे ?

भाजपा द्वारा बिहार में उद्योगों का विकास ?

भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में बिहार के लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास करने का भी वादा किया. आलोचक संदेह जताते हैं कि GST के कारण तमाम छोटे उद्योगों की कमर टूट गयी. देश कि अर्थवयवस्था गोते लगा रही है ऐसे में भाजपा बिहार में उद्योगों का विकास कैसे कर पायेगी ?

भाजपा द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना ?

भाजपा ने बिहार के एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का वादा किया है. अब इसपर भी राजनीति शुरू हो गयी है. आलोचक पूछ रहे हैं कि केंद्र में भाजपा कि सरकार रहते हुए और भाजपा शासित प्रदेशों में महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर हैं.

भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में लगातार महिलाओं का बलात्कार हो रहे हैं. भाजपा महिलाओं के साथ खड़े होने के बजाय अपराधियों का बचाव करते हुए दिखती है. ऐसे में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के वादे पर राज्य कि महिलाएं कैसे भरोसा करेंगी ?

भाजपा द्वारा किसान कल्याण एवं कृषि विकास ?

भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में राज्य में अत्याधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने और कृषि क्षेत्र में 10 लाख रोज़गार सृजित करने का वादा भी किया. इससे पहले कृषि विधेयकों को लेकर भाजपा कि खूब आलोचना हुई थी. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि भाजपा कृषि को कॉर्पोरेट के हवाले करना चाहती है.

बिहार के किसान कृषि कानूनों को लेकर सहमे हैं. बिहार में भाजपा-जदयू सरकार ने 2006 में ही मंडियों को ख़त्म कर दिया था जिसके कारण किसानों को MSP का लाभ नहीं मिला. अब भाजपा ने बिहार के किसानों से वादा किया है कि धान और गेहूं के बाद दलहन की ख़रीद भी एमएसपी की दरों पर की जाएगी. ऐसे में बिहार के किसान भाजपा पर कहाँ तक भरोसा कर पाएंगे ?

By Editor


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