इंटरनल सर्वे:NDA की हालत ख़राब, नीतीश को किनारे करेगी बीजेपी !

शाहबाज़ की इनसाइड पोलिटिकल स्टोरी

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बिहार चुनाव से पहले आतंरिक सर्वे (Internal Survey) में NDA गठबंधन की ख़राब है. पार्टी ने 2020 में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय किया था.

बता दें कि बीजेपी चुनावों से पहले आंतरिक सर्वे कराती है लेकिन इस बार खास बात यह है कि इंटरनल सर्वे के नतीजे बिहार चुनाव से ठीक पहले मीडिया के सामने आ चुके है. सर्वे में NDA बिहार में ख़राब प्रदर्शन की तरफ बढ़ता दिख रहा है. वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ग्राफ गिर रहा है.

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भाजपा के इंटरनल सर्वे के नतीजे बताते है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक फैसलों की वजह्कर अलोकप्रिय हो चुके है. सर्वे के अनुसार बिहार में ज़बरदस्त एंटी-इंकम्बेंसी है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विश्वसनीयता खो चुके है. ज़ाहिर है जदयू और भाजपा NDA (National Democratic Alliance) के दो प्रमुख दल है इसलिए ऐसा माना जा रहा है की दोनों को नुकसान उठाना होगा।

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गौरतलब है कि 2010 चुनाव बिहार में जदयू-भाजपा गठबंधन सरकार वजूद में आयी. इसके बाद 2015 बिहार विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार NDA से अलग हो गए और महागठबंधन में शामिल हुए. फिर 2017 में उन्होंने महागठबंधन छोड़ दिया और फिर से NDA में शामिल हो गए थे.

बिहार चुनावों की खासियत यह है कि एक बार का फार्मूला दूसरी बार काम नहीं आता इसलिए 2020 में स्थिति अलग है. एक तरफ लोक जान शक्ति पार्टी (LJP) ज़्यादा सीटों के लेकर जदयू पर दबाव बनाये हुए है. दूसरी तरफ भाजपा इंटरनल सर्वे के ज़रिये नीतीश कुमार को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश कर रही है.

बता दें की भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा आज अपने दो दिवसीय दौरे पर बिहार आएंगे। सभावना जताई जा रही है कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हो सकती है. उनके साथ बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम सीएम देवेंद्र फडणवीस भी पटना आएंगे। जदयू के सूत्रों की माने तो NDA में सीट बटवारे पर फैसला हो सकता है.

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राजद नेता भाई विरेंद्र ने भाजपा के चुनाव पूर्व कराये गए सर्वे पर टिपण्णी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में अपनी विश्वसनीयता खो चुके है। अब तो उनके सहयोगी भी समझ चुके हैं कि नीतीश कुमार की ज़मीन खिसक गई है.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार चुनावो से ठीक पहले सर्वे कराया। यह सर्वे पार्टी के जनरल सेक्रेटरी, एमएलसी और प्रदेश उपाध्यक्षों के 90 लोगों की टीम ने की है.

सूत्रों की मानें तो यह सर्वे हाल ही में अगस्त महीने में कराया गया है. इस सर्वे की रिपोर्ट भाजपा के शीर्ष नेताओं को दी गयी है. हलाकि बीजेपी पहले से ही बिहार चुनाव प्रचार में मुख्यतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामो का ही उल्लेख करती दिख रही है. जिसे इस बात के संकेत मिलते है की भाजपा को यह बात पहले से मालूम थी कि हाल में कोरोना महामारी, बेरोज़गारी, प्रवासी मज़दूर संकट और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीतिक फैसलों से उनकी लोकप्रियता घाटी है. भाजपा के सूत्रों ने भी इस बात की तस्दीक़ की है.

By Editor


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