Breaking : BJP से दो-दो हाथ, वैशाली से कुम्हरार तक विरोध मार्च
सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने के खिलाफ वैशाली से कुम्हरार तक हजारों लोग विरोध मार्च करेंगे। इसमें राज्यभर के प्रमुख कुशवाहा नेता शामिल होंगे।
सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने का मालला शांत होने के बजाय तेज होता जा रहा है। कल 25 जनवरी, 2022 को पहली बार हजारों लोग वैशाली से कुम्हरार तक मार्च करेंगे। कुम्हरार में ही सम्राट अशोक की राजधानी थी, जहां से उनका साम्राज्य भारत ही नहीं आज के अफगानिस्तान तक फैला था।
वैशाली के अशोक स्तंभ से यह मार्च शुरू होगा, जिसका नेतृत्व जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा करेंगे। इस मार्च में राज्य भर के कुशवाहा नेता शामिल होंगे। कुशवाहा समाज के अलावा बिहारी अस्मिता और पहचान के लिए सक्रिय अन्य लोग भी शामिल होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह मार्च वौशाली के अशोक स्तंभ से शुरू होकर जंदाहा, हाजीपुर, सोनपुर, जेपी सेतु होते हुए पटना में प्रवेश करेगा और कुम्हरार पहुंच कर समाप्त होगा। जगह-जगह लोग इस मार्च का समर्थन करने के लिए जुटेंगे।
यह मार्च किसी दल के बैनर से नहीं हो रहा है। इस मार्च को सम्राट अशोक शौर्य यात्रा नाम दिया गया है। यह यात्रा महात्मा फुले समता परिषद के बैनर तले आयोजित किया जा रहा है।
जदयू के पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि वे सम्राट अशोक शौर्य यात्रा में समर्थकों के साथ शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक बिहार ही नहीं, देश की पहचान हैं। उन्होंने ही बिहार में ऐसे विवि स्थापित किए, जिसमें दुनिया के अनेक देशों के छात्र शिक्षा प्राप्त करने आते थे।
इसी के साथ स्पष्ट हो गया है कि सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करनेवाले दया प्रकाश सिन्हा का पद्म अवार्ड वापस लेने की मांग तेज होगी। भाजपा नेतृत्व इस मांग को माने के लिए तैयार नहीं है। अब जिस तरह खुद उपेंद्र कुशवाहा ने आगे बढ़कर सड़क पर उतरने का फैसला लिया है, उससे स्पष्ट है कि यह मुद्दा अब राज्यभर के कुशवाहा समाज का बन गया है।
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