BSP (बसपा) ने रविवार को लोकसभा चुनाव के लिएप्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। 16 प्रत्याशियों में सात मुस्लिम हैं। तीन एससी वर्ग के हैं। तीनों आरक्षित सीटों के प्रत्याशी हैं। जिन सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए गए हैं उनमें मुरादाबाद मंडल की चार सीटें भी हैं। चारों सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी दिए गए हैं। सोशल मीडिया में 16 में सात मुस्लिम प्रत्याशी दिए जाने पर लोग आश्चर्य प्रकट कर रहे हैं।
BSP ने मुरादाबाद मंडल की चारों सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जिसमें मुरादाबाद सीट से इरफान सैफी को टिकट दिया गया है। रामपुर से जीशान खां, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन तथा संभल लोकसभा सीट पर शौलत अली को पार्टी ने मौदान में उतारा है। इसके अलावा बागपत से BSP ने प्रवीण बंसल को टिकट दिया है, जबकि गौतमबुद्ध नगर से राजेन्द्र सिंह सोलंकी, बुलन्दशहर से गिरीश चन्द्र जाटव, आंवला से आबिद अली, पीलीभीत से अनीस अहमद खां और शाहजहांपुर से दोदराम वर्मा को प्रत्याशी घोषित किए गए हैं।
सोशल मीडिया पर BSP प्रमुख मायावती के इस निर्णय पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोग उन्हें भाजपा की बी टीम बता रहे हैं, तो ऐसा बतानेवाले को बसपा समर्थक कांग्रेस तथा सपा का एजेंट घोषित कर रहे हैं। ट्विटर पर रिषि चौधरी ने लिखा-भाजपा की B टीम बनकर मायावती जी भाजपा को जिताने की पूरी कोशिश कर रही है मगर इस कवायद में BSP पूरी तरह से खत्म हो जायेगी। मुस्लिम वोट काटने के लिए भाजपा ने सुपारी दे रखी है। अगर मायावती जी दलितों को टिकट देती तो शायद वोट बैंक बढ़ता मगर इस तरह से तो खुद का वोट बैंक भी खिसक जायेगा।
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इधर सपा तथा कांग्रेस ने किसी प्रमुख नेता ने BSP प्रमुख मायावती की पहली सूची पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। दोनों दल अपने प्रचार में लगे हैं, लेकिन दलों के समर्थकों में मायावती की इस लिस्ट ने चिंता जरूर पैदा कर दी है। अब देखना होगा कि बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी क्या मुस्लिम मतों का बंटवारा कर पाने में सफल होते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो इंडिया गठबंधन को भारी नुकसान हो सकता है।