फार्म भरा तो शादी हुई, बाप बने तो परीक्षा, 7 साल बाद पिता-पुत्र को रिजल्ट का इंतजार
यह कहानी है बिहार की सरकारी व्यवस्था की सच्चाई. एक पीढ़ी ने परीक्षा दी और अब उसके रिजल्ट का इंतजार
मुकेश आज खुश है कि सात साल पहले नौकरी के लिए जो फार्म भरा था उसका परिणाम 25 फरवरी को आने की संभावना है. फाइनल रिजल्ट तक बेटा कितना बड़ा हो चुका होगा उसे नहीं मालूम.
मुकेश कुमार की यह प्रतिक्रिया तब आयी है जब सन 2014 में बेरोजगारी से जूझ रहे थे तो बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने इंटर स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन निलकाला था. इसके मुख्य परीक्षा का परिणाम सात साल बाद आगामी 25 फरवरी 2021 को आने की संभावना जतायी जा रही है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने आज अखबारों में एक विज्ञाप प्रकाशित कर के यह संभावना जताई है.
पिता बनते रहे, परीक्षा टलती रही
इस विज्ञापन को पढ़ कर मुकेश कुमार ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया है कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि कर्मचारी चयन आयोग के इस विज्ञापन को पढ़ कर वह खुशी जतायें या नीतीश सरकार की लेट लतीफी पर रोयेंं. मुकेश सिर्फ इतना कहते हैं कि अपनी शादी के पहले उन्होंने इस परीक्षा का फार्म भरा था. परीक्षा का इंतजार होता रहा और शादी टलती रही. दो साल बीत गये तो थक हार कर मेरे और ससुराल के परिवार ने तय किया कि परीक्षा भले टलती रही शादी को और टालना उचित नहीं. इसी बीच मेरी शादी हो गयी. फिर बेटा पैदा हो गया. तब हमें अचानक 2016 में यह सूचना मिली कि 13 दिसम्बर 2016 को परीक्षा होनी है. फिर टल गयी और तब घोषणा हुई कि 25 दिसम्बर 2016 को परीक्षा होगी. मुकेश कहते हैं कि बेटे के जन्म के बाद मैंने परीक्षा दी. इन पांच वर्षों में दूसरी संतान भी आ गयी. इतने दिनों तक परिवार को भरणपोषण कैसे किया उसकी एक अलग दर्दनाक कहानी है. मुकेश कहते हैं कोई बात नहीं बड़ा बेटा पांच साल का और दूसरी बेटी दो साल की हो चुकी है, सुना है कि अब रिजल्ट की संभावना बढ़ गयी है. यानी 25 फरिवरी 2021 को परिणाम आने की उम्मीद है.
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बिहार में नौकरी के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं का यह हाल है. परीक्षा का फार्म भरने और रिजल्ट निकलने के तक दो पीढ़ी को इंतजार करना पड़ता है.
सात साल लम्बी परीक्षा प्रक्रिया के बाद अब भी बिहार कर्मचारी चयन आयोग रिजल्ट की संभावना वाला विज्ञापन अखबारों में छपा है. इस मालमे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है. तेजस्वी यादव ने इस विज्ञापन के साथ अपनी प्रतिक्रिया ट्वीट की है. उन्होंने लिखा है-
“बिहार की सुशासनी दुर्गति और बेरोजगारों की बेबसी देखिए। 2014 में BSSC द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम 7 वर्ष बाद भी प्रकाशित किए जाने की अभी संभावना ही जताई जा रही है। कितने अभ्यर्थियों की आयु सीमा और जीवन का बहुमूल्य समय निकल चुका है लेकिन अनुकंपाई CM को कौन समझाए”?