बिहार सरकार द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट में 26 प्रतिशत की भारी कटौती किये जाने के खिलाफ लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. उधर कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का फैसला किया है तो दूसरी तरफ अनेक संगठन सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं.

इस बीच पटना के पूर्व मेयर अफजल इमाम ने बजट कटौती को घोर नाइंसाफी करार देते हुए कहा है कि एक तरफ बजट आकार में 22 प्रतिशत का जोरदार इजाफा करने वाली सरकार ने अल्पसंख्यकों के बजट में कटौती कर इन समुदायों के प्रति अपने नकारात्मक रवैये को प्रदर्शित कर दिया है. अफजल ने कहा कि इस तरह की नाइंसाफी बंद होनी चाहिए.

उधर  सरकार द्वार बजट में इस भारी कटौती के खिलाफ अनेक संगठनों ने आवाज उठाने का फैसला लिया है. इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए सोमवार शाम को विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े नेताओं ने एक संयुक्त बैठक बुलाई है.

इस मुद्दे पर कांग्रेस व राजद समेत अनेक राजनीतिक पार्टियां भी बिहार सरकार के ‘अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता’ के खिलाफ आवाज उठाने की तैयारी में हैं. विधानसभा में कांग्रेस के सचेतक डा. मोहम्मद जावेद ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा में उठायेगी.

गौरतलब है कि  2018-19 के बजट में 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त  व्यवस्था की गयी है. लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण वविभाग के बजट में 160 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गयी है. आंकड़ें बताते हैं कि पिछले 13 साल में बिहार के बजट के आकार में साढ़े छह गुना का इजाफा किया गया है.  वहीं राजस्व संग्रह में राज्य, इन वर्षों में 9 गुना ज्यादा छलांग लगा चुका है.  पर 13 वर्षों में यह पहला अवसर है जब राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण के बजट एलोकेशन में कमी कर दी.

 

पिछले वित्त वर्ष में जहां इस विभाग को 595 करोड़ दिये गये थे. लेकिन इस वर्ष इसे घटा कर 435 करोड़ कर दिया गाया. यानी   160 करोड़ रुपये की कमी. प्रतिशत के हिसाब से देखें तो यह कमी 26 प्रतिशत से ज्यादा होती है.

एडिटोरियल कमेंट- अल्पसंख्यकों के बजट में 26 प्रतिशत की कटौती, नीतीशजी कितने बदल गये आप

By Editor


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