बुद्धिजीवियों-पत्रकारों ने फारुकी तंजीम के संपादक एमए जफर को किया याद
बुद्धिजीवियों, पत्रकारों ने बिहार-झारखंड से प्रकाशित उर्दू दैनिक फारुकी तंजीम के संपादक एमए जफर को श्रद्धांजलि अर्पित की। पटना में हुई श्रद्धांजलि सभा।
बिहार के बुद्धिजीवियों, पत्रकारों ने बिहार-झारखंड से प्रकाशित उर्दू दैनिक फारुकी तंजीम के संपादक एमए जफर को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पटना के डाकबंगला चौराहा स्थित ग्रैंड अपार्टमेंट प्यारी उर्दू के दफ़्तर में सोमवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। एमए जफर का निधन 17 अप्रैल को हुआ था।
उर्दू दैनिक फारुकी तंज़ीम के सम्पादक एमए ज़फर की याद में प्यारी उर्दू ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। प्यारी उर्दू के मुख्य सम्पादक और पूर्व विधायक डॉ. इज़हार अहमद ने इस असर पर कहा कि ज़फर साहब का पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़ा योगदान रहा है। ऐसी शख़्सियत को याद करना हमारा कर्तव्य बनता है।
श्रद्धांजलि सभा में समय मंझन के संपादक सिराज अनवर ने कहा कि जफर साहब से मतभिन्नता के बावजूद उन्होंने लिखने की पूरी आजादी दी। कई बार इसके कारण उन्हें नुकसान भी हुआ, लेकिन वे अपने उसूल पर कायम रहे। मुझे लिखेन से कभी नहीं रोका।
एमए जफर के बेटे एकबाल जफर ने कहा कि उनके वालिद ने कई सीख दी है। वे हमेशा कहते थे कि मतभिन्नता के बावजूद कभी किसी से संबंध विच्छेद न करो। दौनिक एक कौम के संपादक खुर्शीद अनवर ने कहा कि जफर साहब खुद में एक संस्था की तरह थे। मेरी खबरों से कई बार उन्हें नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने कभी मेरी खबरों को छापने से मना नहीं किया।
श्रद्धांजलि सभा में अजीज तंजीम के संपादक अनवारुल्लाह, अधिवक्ता नुजहत, राजेश कुमार, अल वतन टाइम्स के एकबाल सबा ने भी जफर साहब को याद किया।
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