बुल्ली बाई एप : मुस्लिमों के साथ सिखों के खिलाफ नफरत की साजिश

मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन बोली मामले में युवती भी शामिल थी। बुल्ली बाई एप के साथ खालसा शब्द जोड़ कर मुस्लिमों के साथ सिखों के खिलाफ नफरत की साजिश।

बुल्ली बाई एप के जरिये मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन बोली लगाने का मामला सिर्फ कुछ सिरफिरे हिंदुत्ववादियों का है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है। यह सवाल इसलिए उठता है कि इस एप के साथ खालसा सुप्रिमासिस्ट शब्द क्यों जोड़ा गया? इसका एक अर्थ साफ है कि मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन बोली लगाने की बात सामने आने पर देश समझे कि इसमें खालसा भी जुड़ा है। गनीमत है कि इस साजिश के सफल होने के पहले की इसका पर्दाफाश हुआ। लोग इसके लिए मुंबई पुलिस को धन्यवाद कह रहे हैं।

पत्रकार और लेखक पंकज चतुर्वेदी ने ट्वीट किया-बुल्लीबाई एप मामले में मुम्बई पुलिस से देहरादून से एक लडक़ी को गिरफ्तार किया है। यह लड़की 12वीं पास है और रुद्रपुर की आदर्श कालोनी की है। इसके पिता की मौत हो चुकी है। इसने सिख और मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने की साजिश रची व प्लेटफॉर्म पर खालिस्तान का नाम जोड़ा था।

बुल्ली बाई एप के जरिये मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने वालों में शामिल युवती का नाम भी सोशल मीडिया में आ गया है। टीएसपी पार्टी के अब्दुल्ल हन्नान ने ट्वीट किया- बुल्ली डील्स की मुख्य आरोपी स्वेता सिंह को हिरासत में लिया गया। नाम से सबको पहचान लीजिए बड़े काम आयेंगे।

लेखिका सुजाता ने ट्वीट किया-#BulliDeals के पीछे एक महिला भी है. कोई हैरानी नहीं कि धर्म की नफ़रत ने यहाँ तक ला पटका है समाज को, रागिनी तिवारी और अभी हरिद्वार की धर्मसंसद में ख़ून की प्यासी महिलाएँ देखी ही हमने. साम्प्रदायिक विष की काट तुरंत सख़्त सज़ा है. फ़िलहाल ये सब सलाख़ों के पीछे जाएँ जल्दी.

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