बक्सर में भूमि के मुआवजे की मांग कर रहे किसानों पर भयानक अत्याचार की खबर है। पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को खदेड़ कर पीटा। घरों में घुस कर पीटा और यहां तक कि स्कूली छात्राओं तथा बुजुर्ग महिलाओं तक के सिर फोड़ दिए। राजद और कांग्रेस ने राज्य की भाजपा-जदयू सरकार पर तीखी हमला बोला है, वहीं भाजपा नेता पूरी तरह चुप हैं। सोशल मीडिया में कई वीडियो वायरल हैं। एक वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस एक किसान के घर की छत पर चढ़ कर किसानों को पीट रही है। कई घायल महिलाओं की तस्वीरें भी सोशल मीडिया में शेयर की जा रही हैं।
बक्सर की भाँति पूरे देश के किसानों की दुर्गति और उनके परिजनों की पिटाई ही है नीतीश कुमार का असली चेहरा, एन डी गठबंधन का वास्तविक चरित्र!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 21, 2024
जब तक नीतीश कुमार की राजनीति ज़िंदा है, केवल किसान ही नहीं बिहार के सभी लोग जीते जी तिल तिल कर मरते रहेंगे! pic.twitter.com/Ewgohh3458
राजद ने कहा कि बक्सर की भाँति पूरे देश के किसानों की दुर्गति और उनके परिजनों की पिटाई ही है नीतीश कुमार का असली चेहरा, एन डी गठबंधन का वास्तविक चरित्र! जब तक नीतीश कुमार की राजनीति ज़िंदा है, केवल किसान ही नहीं बिहार के सभी लोग जीते जी तिल तिल कर मरते रहेंगे!
समझिए रणनीति : RJD की पहली लिस्ट, चार में दो Kushwaha
पूर्व मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों की जायज मांगों को दबाने के लिए पुलिस का बल प्रयोग करना गैरकानूनी और अमानवीय है। विशेषकर पुलिस द्वारा बनारपुर गांव में घरों में घुसकर महिलाओं समेत लोगों पर लाठीचार्ज करना पूरी तरह से निंदनीय है। यह घटना सरकार और प्रशासन की असंवेदनशील रवैये को दर्शाती है। किसान अपनी जमीन के उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे, जो पूरी तरह से न्यायसंगत है। उनके साथ बल प्रयोग करने की बजाय सरकार और प्रशासन को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालना चाहिए था। किसानों की आजीविका सुरक्षित करना ही सरकार का प्रमुख दायित्व है। लेकिन यहां उनकी मांगों को दबाने के लिए अत्याचार किया गया है। इस घटना से साफ झलकता है कि प्रशासन ने इस मसले को संवेदनशीलता से नहीं संभाला। बल्कि बिना किसी संवेदनशीलता के, जबरदस्ती किसानों पर लाठीचार्ज करवाया गया है। ऐसा निरंकुश और कठोर रवैया किसी भी लोकतांत्रिक समाज के लिए अनुचित है। सरकार और प्रशासन से मांग करता हूं कि वे किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करें और समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकालें।