केंद्रीय चुनाव आयोग ने बिहार की चार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी है। उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और 10 दिन बाद 23 नवंबर को परिणाम घोषित किया जाएगा। जिन चार सीटों पर उप चुनाव है, वे हैं गया जिले की बेलागंज, इमामगंज, बक्सर की रामगढ़ तथा भोजपुर की तरारी सीट। इनमें बेलागंज और रामगढ़ सीटें राजद के पास थीं, जबकि तरारी माले के पास और इमामगंज हम के पास। इस प्रकार चार में तीन सीटें गठबंधन की हैं और एक सीट एनडीए की है।
बिहार में इन चार सीटों के उपचुनाव का महत्व बढ़ गया है। जन सुराज के प्रशांत किशोर ने चारों सीट जीतने का दावा किया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि चार सीटों का उप चुनाव जीत कर 2025 विधानसभा चुनाव की पटकथा 2024 में ही लिख देंगे। उन्होंने दावा किया है कि 2025 में बिहार में जन सुराज की सरकार बनेगी। इन चार सीटों के परिणाम से प्रशांत किशोर के दावों की असलियत का भी पता चल जाएगा। जितना बड़ा दावा प्रशांत किशोर ने किया है, अगर वे उपचुनाव हार गए, तो 2025 चुनाव के लिए वे अभी से जो हवा बना रहे हैं, उसकी हवा निकल जाएगी।
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ये उप चुनाव इंडिया गठबंधन के लिए भी परीक्षा से कम नहीं है। उनकी तीन सीटें दांव पर हैं। अगर वे इनमें से एक या दो सीट हार जाते हैं, तो 2025 की तैयारी पर नकारात्मक असर पड़ेगा और एनडीए का मनोबल बढ़ जाएगा। वहीं एनडीए को सिर्फ एक सीट बचानी है। अगर इंडिया गठबंधन अपनी सीटों पर जीत के साथ ही एनडीए की सीट जीत लेता है, तो गठबंधन का हौसला बढ़ जाएगा। इस तरह भले ही चार सीटों के लिए उप चुनाव हो रहा है, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से इस उपचुनाव का बड़ा महत्व है। इमामगंज सीट पर राजद के चुनाव लड़ने की संभावना अधिक है। तरारी पर माले, रामगढ़ और बेलागंज में राजद का चुनाव लड़ना तय है।
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