उत्तर प्रदेश को म्यांमार बनाने पर तुला है योगी का जुल्मी राज

उत्तर प्रदेश को म्यांमार बनाने पर तुला है योगी का जुल्मी राज

नागरिकता संशोधन कानून और संभावित एनआरसी के खिलाफ चल रहे आंदोलन को उत्तरप्रदेश की योगी सरकार निर्ममता से दबा रही है. 

दर्जनों विडियो वॉयरल हो रहे हैं जिसमें रात के सन्नाटे में पुलिस लोगों के घरों के दरवाजे तोड़ कर घर में घुस कर तोड़ फोड़ कर रही है.

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

घरों के सामने खड़ी कारों पर डंडे बरसा रही है. मुजफ्फरनगर से तो भयावह तस्वीरें आ रही हैं. क्विंट ने उन लोगों से साक्षात्कार किया है जिनके घरों पर वर्दीधारियों ने हमला किया. घर के कीमती सामन तोड़ दिये. बूढ़ों से ले कर जवानों पर लाठियां बरसाईं.

 

इसी तरह मुजफ्फरनगर की हालात तो और भयावह है. एक मुहल्ले में घुस कर पुलिस वाले गाड़ियों पर हमले कर रहे हैं. दूसरी तरफ बिजनोर में एक परिवार ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को पुलिस ने गोली मार दी है.

मुजफ्फरनगर में उमरदराज नामक शख्स के भाई नूर को पुलिस की गोली लगी और वह मर गया. उमरदराज ने दि हिंदू को बताया कि महावीर चौक की तरफ से नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक मार्च किया जा रहा था. लेकिन तभी वहां केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान आ गये और उन्होंने पुलिस को एक्शन लेने के लिए दबाव डाला. तब पुलिस ने गोली चलाई. इस हादसे में अनेक लोग जख्मी हुए.

Also Read

मुसलमानों के बहाने मूलनिवासी बहुजनों को गुलाम बनाने का षड्यंत्र है NRC

हाजी अनवर एलाही ने अखबार को बताया है कि रात के एक बजे सौ से अधिक पुलिस वाले वर्दी में भी और सादे लिबास में भी उनके घर के दरवाजे को तोड़ते हुए तीसरी मंजिल पर पहुंच गये. वे हमारे बेटे को खोज रहे थे. वे जब नहीं मिले तो पुलिस वालों ने घर में घुस कर लाखों रपुये के सामान तहशनहश कर दिये.

 

पुलिस की हिंसक कहानियां

इस तरह की पुलिस की हिंसक कहानियां उत्तर प्रदेश के कानपुर, मेरठ, लखनऊ, बिजनौर समेत अनेक शहरों से आ रही हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे दर्जनों विडियों देखे जा सकते हैं जिसमें पुलिस गुंडागर्दी की हदें पार करती हुई दिख रही है.

अभी तक की जो खबरें सामने आयी हैं उसके मुताबिक पूरे उत्तर प्रदेश में 25 हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनमें मुसलमानों के साथ हिंदू भी शामिल हैं. दूसरी तरफ खुद पुलिस ने स्वीकार किया है कि अब तक 15 लोगों की मौत हुई है.

 

याद रखना होगा कि उत्तर परदेश समेत देश के तमाम राज्यों में CAA-NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भी हुई है और सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान भी पहुंचाया गया है. लेकिन जहां जहां भी प्रदर्शन हुए हैं, उन में शामिल लोगों का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा में बाहरी लोग शामिल हुए. यह एक साजिश के तहत किया गया ताकि प्रदर्शनकारियों को बदनाम किया जा सके.

हालांकि इस ऐंगल को पुलिस स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है.

मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक ने भी इस तरह की घटना से इनकार किया. उधर न्यूज क्लिक ने इस संबंध में जब जिला के पुलिस अधीक्षक से पूछा कि सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रहा है कि पुलिस वाले रात के अंधेरे में घरों पर और गाड़ियों पर हमला कर रहे हैं. तो उन्होंने कहा कि इसकी छानबीन की जायेगी.

इन 6 कारणों से BJP झारखंड में हो गयी मटियामेट

सवाल यह है कि क्या उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज है भी या नहीं?  या फिर पुलिस उसी अनुकूल काम कर रही है जैसा ऊपर से आदेश दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन प्रदर्शनकारियों को उपद्रवी कहके संबोधित किया है. उन्होंने पुलिस वालों को पिछले दिनों खुला आदेश दिया था कि कथित उपद्रवियों को बख्शे नहीं.

क्या पुलिस वाले मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के आदेश के तहत हंसा फैला रहे हैं.

पिछले तीन चार दिनों से उत्तर प्रदेश में जिस बेदर्दी और बे रहमी से पुलिस ने हिंसा तोड़ फोड़ और टारगेटेड तौर पर गोली चलाई है उससे साफ होता है कि सरकारी तंत्र को आंदोलनकारियों के खिलाफ झोंक दिया गया है.

‘बदला’ लेने की मानसिकता

उधर ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि योगी द्वारा जब से कहा गया है कि सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों की समपत्ति नीलाम करके उनसे हरजाना वसूला जायेगा. अब इस पर अम भी किया जा रहा है. 28 लोगों को नोटिस दिया गया है कि वे 14 लाख रुपये जुर्माना भरें. सरकार तर्क दे रही है कि विडियो फुटेज से जो सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन्हें चिन्हित किया गया है. सवाल यह है कि योगी सरकार को प्रदर्शनकारियों की हिंसा विडियो में दिख रही है. दिखनी भी चाहिए. लेकिन बड़ा सवाल है कि योगी की पुलिस जिस आतंक व हिंसा का सहारा ले रही है वह क्यों आदित्यनाथ को दिखेगा? योगी सरकार का यह इंसाफ है या तानाशाही फरमान.

जान और माल दोनों पर टारगेट

उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से जो दर्दनाक नजारे सामने आ रहे हैं उससे दो बातें साफ दिख रही हैं. पहली यह कि सामाजिक कार्यों में जो लोग सक्रिय रूप से लगे हैं उन्हें जेलों में ठूस दो ताकि आवाजें दब जायें. और दूसरे यह कि जो मुसलमान कारोबारी हैं उनकी दुकानों को तहशनहश कर दो. एक चैनल ने एक मुस्लिम व्यापारी को कहते बताया है कि सैकड़ों की भीड़ उसके दुकान में घुस आयी है और लाखों रुपये के सामन  लाठी-डंडों से कुच दिया. दर्जनों कारों को या तो पुलिस के गुंडों ने जला डाला या उन्हें तहशनहश कर दिया. यह टारगेटेड आक्रमण गुजरात को दर्शा रहा है. मुसलमानों की जान माल को नष्ट कर दो. उनकी आर्थिक व्यवस्था को ध्वस्त कर दो.

उत्तर प्रदेश की हालत 20 साल के पहले के गुजरात जैसी होती जा रही है. लगता है कि उत्तर प्रदेश को योगी सरका म्यांमार के पदचिन्हों पर चल रही है जहां लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को अपना देश छोड़ना पड़ा है.

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427