इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम
आग की लपटों से धधक कर खाक हो रहे कैलिफोर्निया के गवर्नर गैल्विन न्यसोन ने पिछले जुलाई में घोषणा की थी कि उनका राज्य लगातार सात वर्षों से दुनिया के किसी भी राज्य से बड़ी इकोनॉमी वाला राज्य है.
अमेरिका का सबसे अमीर यह राज्य अगर एक देश होता तो उसकी गिनती दुनिया के 189 देशों से अमीर देश के बतौर होती. या यूं कहें कि अकेले कैलिफोर्निया की इकोनॉमी भारत की अर्थव्यवस्था के लगभग बराबर है. भारत की अर्थव्यवस्था 4.27 ट्रिलियन डॉलर की है, जबकि कैलिफोर्निया की अर्थव्यवस्था 4.08 ट्रिलियन डॉलर की. यानी भारत के पास जितनी दौलत है लगभग उतनी ही अमेरिका के एक राज्य कैलिफोर्निया की है.
आज वह कैलिफोर्निया अपनी आंखों के सामने 150 बीलियन डॉलर की तबाही का मंजर देख रहा है. सुपर डुपर पावर बेबस है. जो अमेरिका किसी भी आपदा में किसी अन्य देश से मदद को स्वीकार नहीं करता था, आज उसे कनाडा और मैक्सिको के फायर फाइटर की मदद लेनी पड़ रही है. दुश्मन देश ईरान ने भी मदद की पेशकश की है.
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कुछ दिन ही हुए जब एलोन मॉस्क ने चेतावनी दी थी कि अमेरिकी इकोनॉमी को को बचाया न गया तो यूएस डॉलर की वैल्यु खाक में मिल जायेगी. मॉस्क ने यहां तक कहा कि अमेरिका दीवालिया हो सकता है.
और अब अमेरिका पर कुदरत की यह भयावह मार ऐसी आन पड़ी है कि लॉस एंजेल्स के मेयर को कहते सुना गया कि ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने एटम बम गिरा दिया हो.
अमेरिकी इकोनामी पर कैलिफोर्निया फायर का कितना असर होगा. विडियो देखिए हक की बात, इर्शादुल हक के साथ
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