कार्टूनिस्ट मंजुल से भी खफा हुई सरकार, ट्विटर को दिया पत्र
मोदी सरकार सिर्फ विदेशी अखबारों, देशी आलोचकों से ही खफा नहीं है, बल्कि अब तो कार्टूनिस्ट से भी नाराज हुई। ट्विटर को लिखा पत्र कि कार्टून कानून के खिलाफ हैं।
मोदी सरकार मुश्किल में है। पहले विदेशी अखबारों से नाराज थी, फिर सोशल मीडिया से नाराज। विपक्षी दलों से तो नाराज थी ही। आज पता चला कि वह कार्टूनिस्टों से भी नाराज है। नेहरू-इंदिरा से लेकर लालू प्रसाद तक पर कार्टूनिस्ट कभी बाज नहीं आए, लेकिन इन नेताओं ने कभी बुरा नहीं माना। लेकिन अब नया भारत है।
कार्टूनिस्ट मंजुल ने आज खुद ट्विटर पर एक पत्र शेयर किया है। पत्र ट्विटर की तरफ से है, जिसमें उसने कहा है कि उसे भारत के लॉ इनफोर्समेंट की तरफ से कहा गया है कि आपके कार्टून भारत के कानून का उल्लंघन करते हैं।
हालांकि ट्विटर ने साहस का परिचय दिया है। उसने कहा कि उसने कोई कार्रवाई नहीं की है। कहा- ट्विटर अपने यूजर्स की आवाज का सम्मान करता है। हमारी नीति है कि अगर किसी ट्विटर अकाउंट के खिलाफ किसी अधिकृत संस्था, सरकारी एजेंसी से कोई लीगल नोटिस मिलता है, तो हम उस अकाउंट (व्यक्ति) को सूचित करते हैं। ट्विटर ने यह भी लिखा है कि हम समझ सकते हैं कि ऐसी जानकारी से आपको परेशानी होगी। हम कोई कानूनी सलाह नहीं दे सकते, पर आप अपने हितों की रक्षा के लिए कदम उठाने को स्वतंत्र हैं।
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मंजुल के पत्र शेयर करते ही लोगों की प्रतिक्रिया की बाढ़ आ गई। मंजुल के समर्थन में अनेक लोगों ने आवाज उठाई है। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास ने ट्विट किया-56 इंच? खुद मंजुल ने लिखा-शुक्र है मोदी सरकार ने ट्विटर को ये नहीं लिखा कि ये ट्विटर हैंडल बन्द करो। ये कार्टूनिस्ट अधर्मी है, नास्तिक है। मोदी जी को भगवान नहीं मानता। अनेक लोगों ने भारत में तानाशाही, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल उठाया।
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