27 मई डेडलाइन: जातीय गणना पर आरपार की स्थिति
लालू प्रसाद के यहां CBI छापेमारी के तीन दिन में नीतीश कुमार जातीय जनगणनना पर आर या पार के मूड में आ चुके हैं. उन्होंने 27 मई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
मीडिया की खबरों में यहां तक बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने अपने तमाम विधायकों को अगले 72 घंटे तक पटना न छोड़ने का हुक्म जारी कर दिया है.
हालांकि इस मामले में नीतीश कुमार को एक हद तक संदेह भी है कि उनकी सरकार की समर्थक पार्टी इस बैठक पर कहीं आनाकानी भी कर सकती है. इसलिए खबर है कि कि 27 मई की तारीख के बारे में तमाम दलों के शीर्ष नेताओं को फोन करके उनकी सहमति ली जा रही है.
गौरतलब है कि नीतीश कुमार पिछले आठ महीने से जातीय जनगणना ( Caste Census) पर सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) बुलाने की बात कहते रहे हैं. लेकिन अब तक इस मामले में उनकी तरफ से कोई निर्णायक दिन की घोषणा नहीं हुई थी. समझा जाता है कि उन्हें अपने सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी के इस मामले पर अडंगा डालने का संदेह भी रहा है. लेकिन दूसरी तरफ जब पिछले दिनों राजद नेता तेजस्वी यादव ने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया तो नीतीश ने उन्हें मिलने को बुलाया जिसके बाद तेजस्वी ने कुछ इंतजार करने की बात कही. लेकिन इस बीच लालू प्रसाद के घरों पर सीबीआई की छापेमारी के बाद हालात बदलते जा रहे हैं. इस घटना के बाद राजद नेताओं ने कहा कि भाजपा ने यह छापेमारी नीतीश कुमार को डराने के लिए मरवाई है क्योंकि उसे डर है कि लालू और नीतीश कहीं एक साथ न हो जायें. ऐसे में नीतीश कुमार द्वारा, उस छापेमारी के महज तीन दिनों के अंदर जातीय जनगणनना की तारीख का ऐलान करके जता दिया है कि वह भी इस मामले में अब आर या पार के मूड में हैं.
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लिहाजा उन्होंने इस मामले में अपने दल के आला अधइकारियों से ले कर आम कार्यकर्ताओं की तीन दिन में दो बैठकें बुला चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार ने उन्हें इशारा दिया है कि वह जल्द ही देशहित में कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं.