जाति गणना रुकने पर भाजपा कार्यालय में मिठाई बांटी, राजद गरम
राजद के दलित, अतिपिछड़े बड़े नेता गरम हैं। कहा, जाति गणना पर हाईकोर्ट द्वारा रोक के बाद भाजपा कार्यालय में मिठाई बांटी गई। राज्य भर में करेंगे पर्दाफाश।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, विधायक भरत बिन्द, पूर्व विधायक समता देवी तथा प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जिस प्रकार जाति गणना रुकने की खबर के बाद भाजपा कार्यालय में मिठाई बांटी गई, उससे भाजपा का दलित-पिछड़ा विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। उदय नारायण चौधरी ने कहा कि जिस तरह से कोर्ट के अन्तरिम आदेश के बाद भाजपा कार्यालय में मिठाईयां बांटी और खुशियां मनाई गईं, वह बहुजन समाज का अपमान है। दलित, बहुजन विरोधी गोलवलकर गैंग बहुजन आबादी के सच को सामने नहीं आना देना चाहता है।
चौधरी ने कहा कि 1931 की जातिगत जनगणना के आधार पर ही मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू की गई। मंडल कमीशन ने भी कहा था कि 1931 के आंकड़े से आगे बढ़ते हुए समकालीन आंकड़ों की आवश्यकता है। जब मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू की गई तो कमंडल के सहारे बहुजन सरोकार को रोकने की कोशिश की गई।
इन्होंने आगे कहा कि 1996 में देवगौड़ा जी के प्रधानमंत्री रहते हुए शीर्ष नेताओं की पहल पर केन्द्र सरकार ने यह सुझाव मान लिया था कि 2001 के जनगणना में जातिगत जनगणना भी होगा, लेकिन वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बन जाने के पश्चात भाजपा ने बहुजन दलित विरोधी चरित्र के कारण इस मांग को खारिज कर दिया। जब वर्ष 2010 में यूपीए-2 की सरकार में लालू जी, मुलायम सिंह जी, शरद जी के सार्थक पहल और प्रयास के बाद जाति आधारित गणना की मांग स्वीकार करते हुए इसे स्वीकार कर इस पर कार्य किया गया और आंकड़े भी आ गये लेकिन तभी भाजपा ने 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही इन आंकड़ों को गायब कर दिया और सवाल पूछे जाने पर सदन में केन्द्र सरकार ने यह जवाब दिया कि आंकड़े करप्ट हो गये हैं जबकि सच तो यह है कि आंकड़े करप्ट नहीं हुए बल्कि दलित, बहुजन विरोधी नीतियों के कारण केन्द्र सरकार ने सच को सामने नहीं आने दिया।
भाजपा को यह जवाब देना चाहिए कि 80 प्रतिशत आबादी के लिए बनाये जा रहे आंकड़े तथा उनको विकास की गति में जोड़ने के लिए योजना तथा अन्य तरह की व्यवस्थाओं में शामिल होने पर जो इन वर्गों को फायदा होता उसे रोकने के लिए भाजपा इस तरह का कुत्सित प्रयास क्यों कर रही है? भाजपा के इस दोहरे रवैये और उनके द्वारा माननीय न्यायालय के अन्तरिम आदेश के बाद मिठाईयां बांटने से स्पष्ट होता है कि भाजपा कभी भी बहुजन समाज की हितैषी नहीं रही है और भाजपा अड़ंगा लगाने का काम करती है जबकि महागठबंधन सरकार बहुजन समाज के हित में आंकड़े इकट्ठा करके इनके साथ न्याय और सम्मान देने का जो सार्थक पहल किया था उसमें रूकावट डालने की भाजपा ने साजिश की है जो समय आने पर स्पष्ट हो जायेगा। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश महासचिव मदन शर्मा एवं प्रमोद कुमार राम भी उपस्थित थे।
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