होटल एवं रिसॉर्ट बनाने के नाम पर बिहार की राजधानी पटना के एक राष्ट्रीयकृत बैंक को लगभग एक अरब 31 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने प्राथमिकी दर्ज कर आज विशेष अदालत को सौंप दी।
सीबीआई ने यह प्राथमिकी विशेष न्यायाधीश कुमार गुंजन की अदालत को सौंपी है। प्राथमिकी में रामानन्दी होटल एंड रिसॉर्ट सेंटर तथा इससे जुड़े अन्य संस्थाओं एवं निदेशक समेत 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
अभियुक्तों में निदेशक अखौरी गोपाल, संगीता अखौरी, निशांत अखौरी, अखौरी नितेश, नेहा अखौरी, मेघा अखौरी और संस्थानों में रामानन्दी ऑटोमोबाइल, परिणा मोटर प्राइवेट लिमिटेड, रामानन्दी मोटर प्राइवेट लिमिटेड, वंशीधर एंड संस, नवल ट्रेडर्स और ईबी प्रसाद शामिल हैं।
प्राथमिकी के आरोपों के अनुसार, अभियुक्तों ने बोधगया में रामानन्दी होटल एंड रिसॉर्ट सेंटर बनाने के नाम पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बोरिंग रोड शाखा से 85 करोड़ रुपये का ऋण लिया, जमीन गिरवी रखी, सभी निदेशक जमानतदार बने लेकिन न तो प्रस्तावित पांच सितारा होटल एवं रिसॉर्ट का निर्माण पूर्ण किया और न ही बैंक के ऋण के किस्तों की अदायगी की। आरोप यह भी है कि निर्माण में लागत से कहीं अधिक खर्च दिखाया गया। ऋण खाते के गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में तब्दील होने से बैंक को ब्याज सहित एक अरब 31 करोड़ 79 लाख 92 हजार 435 रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
पटना 04 जुलाई (वार्ता) बिहार राज्य सतर्कता अन्वेषण ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जयनगर के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) के खिलाफ आज विशेष अदालत में आरोप-पत्र दायर किया।
ब्यूरो ने यह आरोप-पत्र विशेष न्यायाधीश मधुकर कुमार की अदालत में भ्र्ष्टाचार निरोधक अधनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मधुबनी जिले में जयनगर के तत्कालीन एसडीओ गुलाम मुस्तफा अंसारी के खिलाफ दाखिल किया है।
आरोप-पत्र के अनुसार, आरोपी एसडीओ ने 26 अगस्त 1997 से 27 अक्टूबर 2016 तक अपनी आय के सभी ज्ञात स्रोतों से 47 लाख 53 हजार 269 रुपये की अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की थी। आरोपी एसडीओ को 27 अक्टूबर 2016 को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनके आवास की तलाशी ली गयी थी और फिर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर जांच करने के बाद आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।