2019 लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर से सीबीआई राष्ट्रीय सुर्खियों में है. तो सीबीआई (CBI vs CBI) में जारी घमासान के बीच केंद्र सरकार आज अपना पक्ष रखा और पूरे मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर से कामकाज छीने जाने विपक्ष ने सरकार को घेरा और कहा कि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की शिकायत पर कार्रवाई करने की जगह उल्टे अभियुक्त के समर्थन में सरकार खड़ी है. सरकार का नया गुजरात मॉडल है.
नौकरशाही डेस्क
केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से कहा कि सीबीआई में जो भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. सीवीसी की सिफारिश के आधार पर ही आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजा गया है. सीवीसी के पास इस सीबीआई मामले की जांच करने का अधिकार है और उसके पास सारे कागजात हैं. जेटली ने कहा कि सीबीआई देश की प्रीमियर जांच एजेंसी है. उसकी गरिमा बनी रहे यह जरूरी है. सीबीआई की संस्थागत गरिमा बनाए रखना और इस दिशा में कदम उठाना अनिवार्य है. विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हुई है.
वहीं, विपक्ष इस मामले पर सरकार को इतनी आसानी से नहीं छोड़ती नजर आ रही है. यही वजह है कि सीबीआई में जारी विवाद के बाद डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर से कामकाज छीने जाने के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की शिकायत पर कार्रवाई करने की जगह उल्टे अभियुक्त के समर्थन में सरकार खड़ी है. सरकार का नया गुजरात मॉडल है. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं किसके पास इसका रिमोट कंट्रोल है. सिंघवी ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट को नकारने का भी आरोप लगाया.