“धर्मनिरपेक्ष कहने की एक नई संस्कृति आ गई है। अगर कोई कहता है कि मैं मुसलमान हूं, मैं ईसाई हूं, मैं लिंगायत हूं, मैं हिन्दू हूं तो मैं बहुत ख़ुश होता हू क्योंकि उसे अपनी जड़ मालूम है। लेकिन जो लोग ख़ुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, मुझे नहीं पता कि क्या कहा जाना चाहिए।” पढ़िये रवीश ने क्या कहा मंत्री अनंत कुमार हेगड़े पर.
यह बयान है केंद्रीय मंत्री अनंतकुमार हेगड़े का। कर्नाटक के कोप्पल ज़िले में ब्राह्मण युवा परिषद के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था। गुजरात चुनावों में बीजेपी खुद को जात पात से ऊपर उठकर राजनीति करने वाली पार्टी बताती थी। फिर मोदी सरकार के मंत्री ब्राह्मण युवा परिषद की सभा में क्या कर रहे हैं। क्यों धर्मनिरपेक्षता की आलोचना कर रहे हैं और संविधान बदलने की बात कर रहे हैं?
हेगड़े जी को धर्मनिरपेक्ष लोग बिन मां बाप के लगते हैं। उनका एक और बयान एक्सप्रेस में छपा है। “कुछ लोग कहते हैं कि संविधान में सेक्युलर लिखा है। हम आदर करते हैं लेकिन यह निकट भविष्य में बदल जाएगा। हम यहां संविधान बदलने आए हैं। हम बदल देंगे।“
अब आप 19 दिसंबर के अखबार में छपा यह बयान देखिए। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का है। हेगड़े कहते हैं कि संविधान बदल देंगे। कोई खुद को सेक्यलर कहता है तो वह मंत्री जी को बिन मां बाप की औलाद नज़र आता है। वेंकैया नायडू कहते हैं कि धर्मनिरपेक्षता हमारे डीएनए में है। मेरी राय में हेगड़े और उप राष्ट्रपति को आपस में बात करनी चाहिए।
“भारत एक सेक्युलर मुल्क है, इसलिए नहीं कि संविधान इसकी गारंटी देता है, वो तो अपनी जगह है ही, चूंकि धर्मनिरपेक्षता हमारे डीएनए में है, भारत कभी विश्व गुरु हुआ करता था।“
विश्व गुरु पर अलग से फिर कभी लेकिन धर्मनिरपेक्षता को लेकर केंद्रीय मंत्री और उप राष्ट्रपति का नज़रिया कितना अलग है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर में एक समारोह में अनुपस्थित डाक्टरों के बारे में कहा कि वे नक्सल बन जाना चाहिए तब हम उन्हें गोली मार देंगे। दो डाक्टरों के न आने के कारण कुछ भी रहे हों मगर गोली मार देने की यह भाषा नोट करने लायक है। (एक्सप्रेस)