बिहार एनडीए में लोकसभा चुनाव से पहले ही सीटों को लेकर घमासान मच गया है। हाजीपुर हॉट सीट बन गया है। लोजपा (आर) प्रमुख चिराग पासवान हाजीपुर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे हाजीपुर से ही चुनाव लड़ने पर अड़े हैं। 10 मार्च को वे वैशाली में जन आशीर्वाद सभा करने जा रहे हैं। कल गुरुवार को पटना में उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
अब यह बात किसी से छिपी नहीं है कि चिराग पासवान आज की तारीख में एनडीए में सहज नहीं हैं। वे परेशान हैं। हाजीपुर सीट पर उनके चाचा पशुपति पारस का दावा है। वे प्रधानमंत्री मोदी की सभा में औरंगाबाद में मौजूद थे। मंच पर मौजूद थे। जबकि मंच पर चिराग पासवान नहीं थे। स्पष्ट है कि पशुपति पारस भाजपा की पसंद हैं।
चिराग पासवान एक तो हाजीपुर सीट चाहते हैं और दूसरी कि वे दो या तीन सीटों से ज्यादा चाहते हैं, जिसके लिए खबरों के मुताबिक भाजपा तैयार नहीं है।
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इधर नई खबर यह है कि माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने चिराग पासवान के बारे में कहा कि अगर वे इंडिया गठबंधन के साथ आते हैं, तो उनका स्वागत है। जो लोग भी फासिस्ट खतरे के खिलाफ संघर्ष में साथ आना चाहेंगे, उनका सवागत है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से जब पत्रकारों ने पूछा कि चिराग पासवान एनडीए छोड़ कर इंडिया में आएंगे, तो इस पर तेजस्वी यादव ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पहले चिराग पासवान एनडीए तो छोड़ें। जाहिर है, वे उन्हें एडजस्ट करने को तैयार हैं। चर्चा है कि तेजस्वी उन्हें उनकी मांग के अनुरूप छह सीट देने को तैयार हैं। राजनीतिक गलियारे में एनडीए में जारी घमासान पर तरह-तरह की चर्चा है। हालांकि फैसला चिराग को लेना है। चिराग के लिए मुश्किल यह है कि अगर वे दो सीटों पर मान गए, तो विधानसभा में उन्हें 10-15 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा। इससे उनके समर्थकों में नाराजगी हो सकती है। उन्होंने बिहार में बार-बार दौरा करके हर जिले में समर्थकों को खड़ा किया है, वे सभी निराश हो जाएंगे।