झारखंड विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने 40 सीटों पर दावा ठोक दिया है, वहीं नीतीश कुमार की पार्टी अब तक दुविधा में है। चिराग के दावे से भाजपा परेशान हो गई है। इसी के साथ सवाल उठने लगे हैं कि क्या चिराग झारखंड में भाजपा का खेल बिगाड़ेंगे।
रांची में लोजपा की राष्ट्रीय समिति की बैठक संपन्न हो गई है। बैठक से चिराग पासवान ने भाजपा को डरा देने वाला संदेश दिया है। स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी प्रदेश में 40 विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत स्थिति में है। साथ ही कहा कि उनकी कोशिश होगी कि भाजपा के साथ तालमेल करके विधानसभा चुनाव लड़ा जाए, लेकिन अगर भाजपा से सम्मानजनक समझौता नहीं हो सका, तो उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर लोजपा अकले चुनाव लड़ती है, तो भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। याद रहे झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटों पर चुनाव होना है। पिछली बार 2019 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़ा दल बन कर उभरा था। उसके 30 विधाय जीते थे, जबकि कांग्रेस के 16 विधायक थे। एक राजद के तथा एक माले के विधायक जीते थे। वहीं भाजपा 79 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन उसे सिर्फ 25 सीटों पर जीत मिल सकी।
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इधर जदयू भी झारखंड में चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन अभी तक पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यह स्पष्ट नहीं है। जदयू की तरफ से सुस्ती दिख रही है, जिससे नीतीश कुमार के समर्थकों में निराशा है। वैसे झारखंड में नीतीश कुमार की पार्टी का खास जनाधार नहीं है। माना जा रहा था कि पार्टी पांच-छह सीटों पर चुनाव लड़ना चाहेगी, लेकिन भाजपा की तरफ से समझौते का कोई संकेत नहीं है। संभव है उत्तर प्रदेश की तरह अंतिम समय में जदयू चुनाव नहीं लड़े। झारखंड चुनाव को लेकर जदयू में दुविधा दिखाई पड़ रही है, जबकि चिराग पासवान ने ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है।