लोजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को केंद्र सरकार ने जेड प्लस सुरक्षा देने की घोषणा की है। अचानक इस तरह केंद्र सरकार के चिराग पर मेहरबान होने के पीछे माना जा रहा है कि पिछले एक महीने से चिराग पासवान के तेवर लगातार गर्म हैं। उन्होंने हाल में यहां तक कह दिया था किमंत्री पद से उन्हें कोई मोह नहीं है। वे रामबिलास पासवान के पुत्र हैं। मंत्री पद से इस्तीफा देने में एक मिनट का समय नहीं लगेगा।

यह किसी से छिपा नहीं है कि चिराग पासवान तथा भाजपा नेतृत्व के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं। चिराग कई बार केंद्र के फैसले से खुलेआम असहमति जता चुके हैं। वक्फ एक्ट में संशोधन, एससी-एसटी रिजर्वेशन, लैटरल एंट्री पर वे भाजपा से अलग रुख ले चुके हैं। बाद में उनकी पार्टी तोड़ने की खबरें भी आईं। उनके धुर विरोधी चाचा पशुपति पारस को भाजपा ने काफी तवज्जो दिया। चिराग पासवान तथा भाजपा के रिश्ते में खटास की एक वजह झारखंड विधानसभा चुनाव भी है। झारखंड में लोजपा का कुछ इलाके में प्रभाव रहा है। चिराग पासवान ने रांची में कार्यकर्ता सम्मेलन किया और यहां तक कहा कि वे चाहते हैं कि एनडीए के साथ मिल कर चुनाव लड़ें, लेकिन एनडीए ने उन्हें सीटें नहीं दीं, तो वे अकेले एनडीए से अलग चुनाव लड़ेंगे। वे यह भी कह चुके हैं कि उनका समझौता सिर्फ बिहार में है। अन्य राज्यों में वे स्वतंत्र हैं।

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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा चिराग पासवान को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती। चिराग पासवान अगर नाराजा रहे, तो 2025 में बिहार भाजपा का सपना ध्वस्त हो सकता है। चिराग पासवान एनडीए से अलग हुए, तो बिहार में भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए भाजपा लगता है कि ठंडा गई है। इधर चिराग पासवान ने भी जता दिया कि वे दबने वाले नहीं हैं। उन्हें दबाने की कोशिश की गई, तो वे चुप नहीं बैठेंगे, बल्कि भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे।

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By Editor


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