लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि जिस दिन लगेगा कि संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है, बाबा साहेब का दिया आरक्षण खतरे में है, उसी दिन मंत्री पद छोड़ दूंगा। अपने पिता को याद करते हुए कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद को लात मार दी थी। मुझे भी मंत्री पद छोड़ने में एक मिनट नहीं लगेगा। वे एक सम्मान समारोह में बोल रहे थे। जब उन्होंने कहा कि मंत्री पद एक मिनट में छोड़ दूंगा, तो सभा में उपस्थित लोगों ने जोरदार नारों से समर्थन दिया। उनका यह वीडियो वायरल है।
इसी के साथ राजनीतिक गलियारे में अचानक चर्चा तेज हो गई है कि क्या चिराग पासवान 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए छोड़ेंगे। एनडीए में रहते हुए उन्हें 15 से 20 सीटें ही मिलेंगी। इतनी कम सीटों पर चुनाव लड़ कर वे बिहार की राजनीति में कुछ भी नहीं कर सकते। अगर पांच-सात विधायक जीते, तो वे बिहार की राजनीति को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं रहेंगे। इसके साथ ही जहां वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, वहां उनके समर्थकों में निराशा आएगी, जो पार्टी के विस्तार के लिए अच्छा नहीं होगा। वे स्वतंत्र रूप से 150-200 सीटों पर चुनाव लड़ कर पार्टी का विसातर करना चाहेंगे या 15 सीटों पर लड़ कर मंत्री बने रहना, इस पर राजनीतिक गलियारे में मंथन जारी है।
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यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि लोकसभा चुनाव के बाद से उनका रिश्ता भाजपा के साथ राम-हनुमान वाला नहीं रह गया है। वे अनेक मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग अपनी स्वतंत्र राय रख चुके हैं। वक्फ एक्ट में संशोधन, लैटरल इंट्री के जरिये आरक्षण खत्म करने की कोशिश का वे विरोध कर चुके हैं। उधर भाजपा की तरफ से उनकी पार्टी तोड़ने की कोशिश की बातें सामने आईं। भाजपा ने उनके चाचा को महत्व दिया है, यह भी चिराग पासवान और भाजपा के बीच रिश्ते में खटास का एक कारण बना। लोग कह रहे हैं कि चिराग अकेला चलो की राह पर जा सकते हैं या वे तेजस्वी यादव से निकटता बढ़ा सकते हैं।
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